इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
What is Special Protection Group कहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के कमांडो दुनिया के सबसे अच्छे हथियारों से लैस हैं, उनके पास अपार शक्तियां हैं। भारत में वीवीआईपी सिक्योरिटी के क्षेत्र में एसपीजी सुरक्षा का नाम सबसे ऊपर आता है, लेकिन जो बीते बुधवार को पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर संभावित चूक सामने आ रही है। उस स्थिति में एसपीजी की ‘ब्लू बुक’ किसी भी तरह का ‘संयम’ बरतने की इजाजत नहीं देती है। आइए जानते हैं कब हुई एसपीजी की शुरूआत, कितने ब्रांच हैं एसपीजी के, कितना है एसपीजी का बजट।
ज्ञात होगा कि बीते बुधवार को पीएम मोदी का काफिला पंजाब के फिरोजपुर जिले के एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक रुका रहा। उनसे कुछ ही दूरी पर किसान हाईवे पर प्रदर्शन कर रहे थे। बारिश के बीच आगे जाने का रास्ता न मिलने पर पीएम को बठिंडा एयरपोर्ट लौटना पड़ा। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय समेत तमाम एक्सपर्ट्स इसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक मान रहे हैं। (What is Special Protection Group)
क्या काम करती है एसपीजी? (How does SPG work)
- बता दें कि हमले की सूरत में सेकंड कार्डन की जिम्मेदारी होती है कि वह पीएम के चारों ओर घेरा बनाकर खड़े जवानों को सिक्यॉरिटी कवर दें ताकि प्रधानमंत्री को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। एसपीजी के जवानों के साथ पीएम के काफिले में एक दर्जन गाड़ियां होती हैं, जिसमें बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज की सिडान, 6 बीएमडब्ल्यू एक्स3 और एक मर्सिडीज बेंज होती है। इसके अलावा मर्सिडीज बेंज ऐंम्बुलेंस, टाटा सफारी जैमर भी इस काफिले में शामिल होती है।
- एसपीजी के कमांडो आटोमेटिक गन एफएनएफ-2000 असॉल्ट राइफल से लैस होते हैं। कमांडोज के पास ग्लोक 17 नाम की एक पिस्टल भी होती है। ये एक लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट पहनते हैं। एसपीजी के जवान हाई ग्रेड बुलेटप्रूफ वेस्ट पहने होते हैं, जो लेवल-3 केवलर की होती है।
- इसका वजन 2.2 किग्रा होता है और यह 10 मीटर दूर से एके 47 से चलाई गई 7.62 कैलिबर की गोली को भी झेल सकती है। साथी कमांडो से बात करने के लिए कान में लगे ईयर प्लग या फिर वॉकी-टॉकी का सहारा लेते हैं। यहां तक की इनके जूते भी काफी अलग होते हैं, ये किसी भी जमीन पर नहीं फिसलते। ये खास तरह के दस्ताने पहनते हैं। जिससे चोट से उनका बचाव होता है। ये कमांडोज चश्मा भी पहनते हैं, जो उनकी आंखों को हमले से बचाते हैं और किसी भी प्रकार का डिस्ट्रैक्शन नहीं होने देता हैं।
- एसपीजी सुरक्षा के कमांडो के पास एक स्पेशल ब्रीफकेस होता है। पर इसमें कपड़े या बारूद नहीं होता। ये ब्रीफकेस जैसा दिखने वाला एक पोर्टेबल बुलेटप्रूफ शील्ड होता है। ये पूरी तरह खुल जाता है और रक्षा कवच का काम करता है। ये पर्सनल प्रोटेक्शन के लिए होता है।
- इसका काम ये है कि अगर कोई हमला हो जाए तो सुरक्षा कमांडो फौरन इसे खोल कर वीआईपी को कवर कर लें। ये ब्रीफकेस उर्फ बैलेस्टिक शील्ड किसी भी तरह के हमले से सुरक्षा करने के लिए सक्षम होता है। इस ब्रीफकेस में एक गुप्त जेब भी होती है, जिसमें एक पिस्तौल होती है। आतंकी हमले के समय ये ब्रीफकेस एक सुरक्षा ढाल का काम करता है।
कब हुई एसपीजी शुरु? (When did SPG start)
- प्रधानमंत्री के पद पर रहते 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या हुई। उसके बाद 30 मार्च 1985 को भारत के राष्ट्रपति ने कैबिनेट सचिवालय के तहत इस यूनिट के लिए 819 पदों का निर्माण किया। इसे नाम दिया गया स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (यानि एसपीजी)। 1988 पारित करके इसका औपचारिक गठन किया गया।
- बताया जाता है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल यानी सीएपीएफ और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान एसपीजी में शामिल होने की इच्छा जता सकते हैं। केंद्रीय सशस्त्र बलों का कोई भी जवान अपने करियर में केवल एक बार पांच साल के लिए एसपीजी में जा सकता है। (What is Special Protection Group)
- एसपीजी के जवान और अफसरों पर किसी मीडिया हाउस से संपर्क करने या एसपीजी में अपने कार्यकाल पर कोई किताब लिखने की पाबंदी होती है। इन दिनों एसपीजी में 3000 से ज्यादा जवान और अफसर हैं। एसपीजी को एक आईपीएफ अफसर कमांड करता है, जो देश के कैबिनेट सेक्रेटेरिएट को रिपोर्ट करता है।
एसपीजी की चार ब्रांच कौन सी हैं? (What are the four branches of SPG)
- आपरेशन्स: यानी ग्राउंड पर जाकर पीएम की सुरक्षा करने वाले जवान या अफसर। इनमें भी आगे टेक्निकल विंग, कम्युनिकेशन विंग और ट्रांसपोर्टेशन विंग जैसे हिस्से होते हैं।
- ट्रेनिंग: इस ब्रांच के पास एसपीजी के जवानों को ट्रेनिंग देने का जिम्मा होता है। एसपीजी जवानों को करीब से लड़ने, हथियार चलाने, वीआईपी की सुरक्षा, बिना हथियारों के लड़ने, प्राथमिक चिकित्सा देने, अलग-अलग तरह की गाड़ियों को चलाना सिखाया जाता है।
- इंटेलिजेंस एंड टूर: यह एसपीजी की इंटेलिजेंस विंग है। इसका काम जोखिम को आंकना, संदिग्ध लोगों की जांच करना, नए भर्ती जवानों का बैकग्राउंड चेक करने जैसे काम होते हैं।
- एडमिनिस्ट्रेशन: इस ब्रांच के हवाले प्रशासनिक काम जैसे फाइनेंस, ड्यूटी, हथियारों की खरीद आदि काम होते हैं।
कितना है एसपीजी का बजट?
2020-21 के बजट में एसपीजी के लिए 592.55 करोड़ दिए गए थे। पिछले वित्त वर्ष, यानी 2019-20 के मुकाबले यह रकम 10 फीसदी ज्यादा थी। साफ है कि पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा पर रोज करीब 1.62 करोड़ रुपए खर्च होते हैं।
(What is Special Protection Group)
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