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What is swamitva yojana, e property card
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से आज मध्यप्रदेश के हरदा जिले में स्वामित्व योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत की। इस दौरान पीएम ने 19 जिलों के 3000 गांवों में 1,71,000 लाभार्थियों को ई-प्रॉपर्टी कार्ड भी वितरित किया। ये लोग डिजि-लॉकर के माध्यम से अपने मोबाइल पर अपना प्रॉपर्टी कार्ड डाउनलोड भी कर सकते हैं। इससे प्रॉपर्टी के मालिक को आसानी से उसका मालिकाना हक मिलेगा। वहीं आपकी प्रॉपर्टी के दाम भी आसानी से तय हो पाएंगे।
Major Changes In Ayushman Bharat Yojana बदलाव से और ज्यादा मिलेगा फायदा
PM ने कहा है कि स्वामित्व योजना सिर्फ कानूनी दस्तावेज देने की योजनाभर नहीं है, बल्कि ये आधुनिक टेक्नॉलॉजी से देश के गांवों में विकास और विश्वास का नया मंत्र भी है। इस स्वामित्व योजना को अभी मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक और राजस्थान के कुछ गांवों में लागू किया गया है। इन राज्यों के ग्रामीण एरिया में करीब 22 लाख परिवारों के लिए प्रॉपर्टी कार्ड बन चुका है। आईए जानते हैं कि ये प्रॉपर्टी कार्ड आप भी कैसे बनवा सकते हैं और इसका आपको क्या फायदा मिलेगा-
प्रॉपर्टी कार्ड के लिए आपको कहीं भी आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। प्रशासन की ओर से जैसे-जैसे मैपिंग और सर्वे का काम पूरा होता जाएगा, सरकार स्वयं ही सभी लोगों को उनकी प्रॉपर्टी का कार्ड देती जाएगी। गांव का सर्वे पूरा होने के बाद प्राप्त डेटा को पंचायती राज मंत्रालय के ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। फिर प्रॉपर्टी कार्ड बनना शुरू हो जाएगा। इसके बाद जमीन मालिकों को जिला स्तर पर कैंप लगाकर संपत्ति कार्ड वितरित किए जाएंगे।
जब आपके जिले के कलेक्टर के दिशानिर्देश में ड्रोन मैपिंग सर्वे कार्य पूरा करा लिया जाएगा, तब उन जमीनों पर काबिज लोगों से संपत्ति के प्रूफ मांगें जाएंगे। जिनके पास प्रूफ हैं, वह तुरंत इसकी फोटोकॉपी जमा कर सकते हैं, लेकिन कागजात न होने की स्थिति में भूमि पर काबिज व्यक्तियों को घरौनी नामक दस्तावेज बना कर दिया जाएगा।
‘स्वामित्व’ योजना के तहत गांवों की भूमि की पैमाइश ड्रोन के जरिए होगी। ड्रोन से गांवों की सीमा के भीतर आने वाली हर प्रॉपर्टी का एक डिजिटल नक्शा तैयार होगा। साथ ही हर ब्लॉक यानी विकास खंड की सीमा भी तय होगी। SVAMITVA का पूरा नाम है Survey of Villages Abadi and Mapping with Improvised Technology In Village Areas यानी गावों का सर्वेक्षेण और ग्रामीण क्षेत्रों में नवीतनम तकनीक के साथ मैपिंग। इसके द्वारा गांवों में जमीन के सभी रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएंगे। यह पंचायती राज मंत्रालय, राज्यों के पंचायती राज विभाग, राज्यों के राजस्व विभाग और सर्वे आॅफ इंडिया का संयुक्त प्रयास है।
1. प्रॉपर्टी के मालिक को उसका मालिकाना हक आसानी से मिलेगा।
2. प्रॉपर्टी का कार्ड होने से ग्रामीण लोग आसानी से बैंकों से लोन भी हासिल कर सकेंगे।
3. एक बार प्रॉपर्टी कितनी है तय होने पर उसके दाम भी आसानी से तय हो पाएंगे।
4. प्रॉपर्टी कार्ड का इस्तेमाल कर्ज लेने में किया जा सकेगा। पंचायती स्तर पर टैक्स व्यवस्था में सुधार होगा।
प्रॉपर्टी कार्ड डिजिटल रूप में आपको जिला प्रशासन के पंचायती राज विभाग द्वारा अथवा मोबाइल पर भेजे गये SMS द्वारा मिलेगा। इससे आप डिजिटल कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। इसी के आधार पर आप फिजिकल कार्ड भी ले सकेंगे। इसके लिए आपको आधार नंबर, भूमि की खसरा खतौनी की नकल, भूमि दस्तावेज नहीं होने पर घरौनी की नकल आदि दस्तावेज देने की जरूरत होगी।
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