Hindi News / Indianews / When She Could Not Go To Kumbh Due To Poverty She Became Bhagirathi Dug A 40 Feet Deep Well In The Courtyard People Were Stunned To See This Womans Love For Maha Kumbh

गरीबी की वजह से नहीं जा पाई कुंभ तो बन गई भागिरथी, आंगन में खोद दिया 40 फीट गहरा कुआं, इस महिला का महाकुंभ प्रेम देख दंग रह गए लोग

जब उन्हें पता चला कि महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाना महंगा पड़ेगा तो उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने 15 दिसंबर 2024 को अपने घर के आंगन में ही कुआं खोदने का फैसला किया और बिना किसी की मदद के खुदाई शुरू कर दी।

BY: Divyanshi Singh • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

India News Delhi(इंडिया न्यूज़),Karnataka:कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के सिरसी की रहने वाली 57 वर्षीय गौरी ने ऐसा काम किया कि हर कोई दंग रह गया। आर्थिक तंगी के चलते वह प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ मेले में नहीं जा सकीं तो उन्होंने अपने घर के आंगन में ही 40 फीट गहरा कुआं खोद डाला। उनका मानना ​​है कि अगर वह प्रयागराज नहीं जा सकीं तो उन्होंने अपनी ‘गंगा’ को धरती पर उतार ही दिया।

खराब आर्थिक स्थिति के वजह से की खुदाई

गौरी का जीवन खेती-किसानी पर निर्भर है और उनकी आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं है। जब उन्हें पता चला कि महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाना महंगा पड़ेगा तो उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने 15 दिसंबर 2024 को अपने घर के आंगन में ही कुआं खोदने का फैसला किया और बिना किसी की मदद के खुदाई शुरू कर दी।गौरी रोजाना 6 से 8 घंटे खुदाई करती थीं। मिट्टी निकालना, उसे बाहर फेंकना और धीरे-धीरे गहराई तक पहुंचना- यह कोई आसान काम नहीं था। लेकिन अपनी मेहनत से उन्होंने महज दो महीने में यानी 15 फरवरी 2025 तक कुआं खोदकर तैयार कर लिया। उनकी लगन और मेहनत देखने लायक थी।

कुछ छुपा रहे हैं जस्टिस यशवंत वर्मा! दिल्ली पुलिस को घर पहुंचकर क्यों सील करना पड़ा ‘सबसे बड़ा सबूत’?

Kumbh

पहले भी कर चुकी हैं ये काम

गौरी ने पहली बार कुआं नहीं खोदा है। इससे पहले भी उन्होंने अपने खेत में सिंचाई के लिए कुआं खोदा था। इसके अलावा वे गांव के लोगों की प्यास बुझाने के लिए सिरसी के गणेश नगर आंगनबाड़ी स्कूल में भी कुआं खोद चुकी हैं।गौरी के आंगनबाड़ी स्कूल में खोदे गए कुएं का मामला जब चर्चा में आया तो प्रशासन ने इसे रोकने की कोशिश की। जिला प्रशासन ने खुदाई रोकने का आदेश दिया था, लेकिन उत्तर कन्नड़ के तत्कालीन सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने उनका साथ दिया और काम पूरा करवाया। आज भी वह कुआं लोगों की प्यास बुझा रहा है।

मुख्यमंत्री से कितनी अलग होती है डिप्टी सीएम की पावर? जानें कैबिनेट में क्या मायने रखता है यह पद

इंसानों के दिमाग से मेल खाता है इस जानवर का मस्तिष्क

Viral Video: ‘महाकुंभ जाने का आखिरी विकल्प’, रेलवे ट्रैक पर ही दौड़ा दी गाड़ी, वीडियो देख भैंचक्के रह गए लोग

Tags:

KarnatakaMahakumbh
Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue