India News (इंडिया न्यूज),Who was Rana Sanga: संसद में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने अपने बयान से बवाल मचा दिया है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने संसद में कहा कि बीजेपी वालों का ये आम नारा हो गया है कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। इसलिए अगर मुसलमान बाबर के वंशज हैं तो आप राणा सांगा के वंशज गद्दार हैं। नेता की इस टिप्पणी के बाद हर तरफ हंगामा मच गया और इस टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दरअसल, रामजी लाल सुमन ने सदन को संबोधित करते हुए कहा, ‘सबसे पहले तो ये बीजेपी वालों का तकिया कलाम बन गया है. सभापति जी, इन मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। मैं जानना चाहूंगा कि बाबर का डीएनए मुसलमानों में है. हिंदुस्तान के मुसलमान बाबर को अपना आदर्श नहीं मानते। वो मोहम्मद साहब को अपना आदर्श मानते हैं। वो सूफी संतों की परंपरा को अपना आदर्श मानते हैं, लेकिन सभापति जी, मैं जानना चाहूंगा कि बाबर को कौन लाया। राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को लाया था। इसलिए मुसलमान बाबर की संतान हैं। तुम देशद्रोही राणा सांगा की संतान हो। हम बाबर की आलोचना करते हैं, लेकिन राणा सांगा की नहीं।’ सपा नेता के इस बयान की भाजपा ने कड़ी निंदा की है।
पूर्व भाजपा सांसद संजीव बालियान ने बयान की आलोचना करते हुए इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘शर्म आनी चाहिए- तुष्टिकरण की सारी हदें पार करते हुए सपा नेता ‘रामजी लाल सुमन’ द्वारा संसद में ‘महान योद्धा राणा सांगा’ को देशद्रोही कहना हमारे राजपूत समाज और पूरे हिंदू समाज का घोर अपमान है। सपा को ऐसे शर्मनाक कृत्य के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।’
राणा सांगा (संवत 1539-1572, यानी 1482-1528 ई.) मेवाड़ के एक प्रसिद्ध राजा थे, जिनका पूरा नाम महाराणा संग्राम सिंह था। वे सिसोदिया वंश के शासक थे। वे अपनी बहादुरी, सैन्य कौशल और मुगल बादशाह बाबर के खिलाफ लड़े गए खानवा के युद्ध के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्हें खानवा की लड़ाई (1527), गागरोन की लड़ाई (1519) और बयाना की लड़ाई (1527) जैसी लड़ाइयों के लिए जाना जाता है। खानवा की हार के बाद राणा सांगा घायल हो गए और उन्होंने अपनी सेना को संगठित करने की कोशिश की, लेकिन उनके सामंतों ने उन्हें जहर देकर मार डाला।