India News Delhi(इंडिया न्यूज़), Delhi Chief Minister: पहली बार विधायक बनी रेखा गुप्ता दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं। लेकिन उन्हें पूरी तरह अधिकार नहीं मिलेंगे। उनके पास वो 5 विशेष अधिकार नहीं होंगे, जो दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के पास होते हैं।
आइए जानते हैं कि वो कौन सी शक्तियां हैं और क्यों दिल्ली सरकार के पास नहीं होंगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास कुछ महत्वपूर्ण शक्तियां नहीं हैं, जो भारत के दूसरे पूर्ण राज्यों के मुख्यमंत्रियों के पास होती हैं। इसकी वजह ये है कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है और ये देश की राजधानी भी है। इसलिए ये देश का सबसे खास इलाका है, इसलिए इसकी कई शक्तियां केंद्र सरकार अपने पास रखती है।
Delhi Chief Minister
दिल्ली को आंशिक राज्य का दर्जा प्राप्त है। दिल्ली का प्रशासन संविधान के अनुच्छेद 239AA के तहत चलता है, जो दिल्ली को विधानसभा देता है, लेकिन कुछ शक्तियां केंद्र सरकार के पास रखता है।
दिल्ली के कई पूर्व मुख्यमंत्रियों ने लगातार मांग की है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, ताकि दिल्ली के मुख्यमंत्रियों को वास्तविक अधिकार मिल सकें। अरविंद केजरीवाल पूर्व मुख्यमंत्री थे जो इस मांग को करने में सबसे आगे थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने बार-बार यह मुद्दा उठाया कि जब दिल्ली सरकार जनता से टैक्स लेती है और चुनाव लड़ती है, तो फिर पुलिस और जमीन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर उसका नियंत्रण क्यों नहीं होना चाहिए।
अधिकारों की लड़ाई में वह सुप्रीम कोर्ट गए और कई बार उपराज्यपाल (एलजी) से भिड़ गए। वह चुनावों में भी “पूर्ण राज्य” को अहम मुद्दा बनाते रहे।
अपने लंबे कार्यकाल के दौरान शीला दीक्षित (1998-2013) ने कई बार केंद्र सरकार से मांग की थी कि दिल्ली सरकार को और प्रशासनिक अधिकार दिए जाएं। उन्होंने खास तौर पर पुलिस और भूमि नियंत्रण पर अधिकार की वकालत की, ताकि कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने और योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने में आसानी हो। हालांकि, केंद्र में उनकी पार्टी (कांग्रेस) के सत्ता में होने के कारण वे केजरीवाल की तरह आक्रामक नहीं थीं।
MP पुलिस का एक्शन मोड हुआ ऑन! अब GPS ट्रैकिंग से टीम करेंगे मॉनिटरिंग, जाने क्या है नया अपडेट…
चूंकि कानून व्यवस्था, पुलिस और भूमि नियंत्रण केंद्र सरकार के पास है, इसलिए मुख्यमंत्री अक्सर फैसले लेने में असमर्थ होते हैं। राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण केंद्र सरकार चाहती है कि दिल्ली की सुरक्षा और भूमि संबंधी मामलों पर उसका सीधा नियंत्रण हो। दिल्ली के मुख्यमंत्री और स्थानीय सरकारों का मानना है कि इससे उनकी शक्ति सीमित हो जाती है और जवाबदेही कम हो जाती है।
दिल्ली भारत की राष्ट्रीय राजधानी है, इसलिए केंद्र सरकार इसकी सुरक्षा और प्रशासन पर सीधा नियंत्रण चाहती है। यही कारण है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया गया है।