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India News, (इंडिया न्यूज)World Heritage Site: भारत के संस्कृति विभाग ने घोषणा करते हुए यह बताया है कि 2024-25 के यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल करने के लिए इन मराठा किले को चयनित किया गया है। जिसमें सालहेर किला, शिवनेरी किला, लोहागढ़, खंडेरी किला, प्रतापगढ़, पन्हाला किला, प्रसिद्ध किले शामिल हैं। ये सारे किले की प्रसिद्धि का क्या कारण है। जानने के लिेए इसे पढ़े।
सालहेर महाराष्ट्र का सबसे ऊंचा किला है। जो नासिक में बगलान पर्वत श्रृंखला का शानदार दृश्य को प्रस्तुत करता है। यह किला सलहेर के युद्ध के कारण अपना ऐतिहासिक महत्व रखता है। यह किला मराठा सैन्य कौशल का प्रमाण है।
शिवनेरी दुर्ग या शिवनेरी किला, भारत के महाराष्ट्र राज्य के पुणे के जुन्नर गांव के पास स्थित एक ऐतिहासिक किला है। शिवनेरी छत्रपति शिवाजी का जन्मस्थान भी है। इसलिए इस किले का ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है। यह किला अपनी प्रभावशाली वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है।
लोहागढ़ किला जो किलोहे के किले के नाम से भी जाना जाता है, इस दुर्ग को भारत का एकमात्र अजेय दुर्ग व मिट्टी का किला भी कहते हैं। क्योंकि इस किले को कभी कोई जीत नहां पाया है। यह किला अपनी मज़बूत संरचना के लिए जाना जाता है। बता दें कि इस किले से अंग्रेजों ने भी हार मान ली थी।
खंडेरी, महाराष्ट्र के तट से 5 किमी दूर स्थित एक जल किला है, जो दो ऊंची पहाड़ियों से युक्त द्वीप पर है, जिसका एक भाग उत्तर की ओर और दूसरी दक्षिण की ओर स्थित है।
प्रतापगढ़ एक पहाड़ी किला है । जो पश्चिमी भारतीय राज्य महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित है । यह किला महाबलेश्वर हिल स्टेशन से 24 किलोमीटर दूर स्थित है। ये किला अब एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह किला प्रतापगढ़ की ऐतिहासिक लड़ाई के लिए भी प्रसिद्ध है।
महाराष्ट्र में स्थित पन्हाला किला, जिसे ‘सांपों का किला’ भी कहा जाता है। पन्हाला किले से जुड़ा एक रोचक पहलू ये भी है कि कहां राजा भोज और कहां गंगू तेली कहावत यहीं से ली गयी है। पन्हाला किला कोल्हापुर के मुख्य शहर से 20 किमी दूर स्थित है। यह किला देश के सबसे बड़े किलों में से एक है।
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