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इंडिया न्यूज नई दिल्ली :
Worldwide Pollution Know Solution भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए प्रदूषण आज एक विकराल समस्या बन चुकी है और इससे निपटने के लिए कई देश नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ज्यादातर देश अपने यहां वाहनों की संख्या को नियंत्रित कर रहे हैं या उनके लिए कड़े नियम लागू कर रहे हैं।
साइकिल व बाइक चलाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर सहित समूचे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण हमेशा सर्दी शुरू होते ही जानलेवा हो जाता है। दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के बाद से ही हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो जाती है। गंगा के मैदानी इलाकों में बढ़ते प्रदूषण ने हवा को जहरीला बना दिया है।
कभी भीषण प्रदूषण की समस्या से दो-चार हो रही चीन की राजधानी बीजिंग ने इससे निपटने के लिए दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की है। यूनाइटेड नेशंस ने बाकायदा इसकी स्टडी की रिपोर्ट जारी करके लिखा है कि बीजिंग के एयर पॉल्यूशन से निपटने के तरीके को अपनाकर दुनिया के कई देश इसका लाभ उठा सकते हैं। दरअसल, वहां र्इंधन के तौर पर कोयले के इस्तेमाल और ज्यादा गाड़ियां होने की वजह से प्रदूषण फैल रहा था।
बीजिंग ने कुछ प्रमुख प्रदूषणकारी तत्वों जैसे कार्बन मोनोक्साइड और सल्फर डाइक्साइड के हवा में स्तर को नियंत्रित किया। 2013 में वहां ज्यादा व्यवस्थित और गहराई से प्रदूषण रोकने के उपाय किए। इसकी वजह से 2017 के आखिर में पीएम 2.5 का लेवल 35 फीसदी तक कम हुआ। पीएम 2.5 के लेवल को कम करने के लिए बीजिंग ने कोयले से जलने वाले बॉयलर को नियंत्रित किया। घर-घर तक साफ घरेलू इंधन पहुंचाने की व्यवस्था की। उद्योगों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया। सख्त कानून बनाए। इकोनॉमिक पॉलिसी बनाई। समस्या से निपटने के लिए पब्लिक की भागीदारी बढ़ाई। इसका नतीजा यह रहा कि पीएम लेवल 35 फीसदी कम हो गया।
फ्रांस की राजधानी पेरिस के कई जिलों में वीकएंड पर घर से कारें निकालने की मनाही है। कई इलाकों में आड ईवन फॉर्मूला लागू रहता है। कई बार जब प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है तो वहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट फ्री कर दिया जाता है। पेरिस में प्रदूषण से निपटने के लिए कारों और बाइक की शेयरिंग पर भी जोर दिया जाता है। यहां के सीन नदी के किनारे सड़क को कार फ्री घोषित किया गया है। इन सारे उपायों से पेरिस ने अपने यहां के प्रदूषण पर काबू पाया है।
नीदरलैंड में वर्ष 2025 के बाद पेट्रोल और डीजल कारों की बिक्री पर रोक लगाने का विचार चल रहा है। इसकी जगह यहां हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली कारें उतारी जाएंगी। नए प्रस्तावित कानून में जिनके पास पहले से पेट्रोल-डीजल की कारें हैं वे तो अपनी गाड़ी चला पाएंगे लेकिन नई गाड़ियों की बिक्री पर रोक लग जाएगी। प्रदूषण कम करने के लिए इस देश में साइकिल के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है।
जर्मनी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को दुरुस्त किया गया है। जर्मनी के एक शहर फ्रीबर्ग में 500 किलोमीटर लंबा बाइक रूट है। इस रूट पर ट्राम चलती है। यहां कारों की पार्किंग काफी महंगी कर दी गई है, ताकि लोग पर्सनल कारें नहीं रखें। जर्मनी की तरह डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में कार के बदले बाइक रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कोपेनहेगेन में लोगों की जनसंख्या से ज्यादा साइकिलों की संख्या है। यहां के बड़े इलाके में गाड़ियां रखने पर पाबंदी है। यहां 2025 तक अपने शहर को कार्बन न्यूट्रल करने का लक्ष्य रखा है।
नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में एक बड़े इलाके को कार फ्री जोन बनाने का प्रस्ताव है। वहां बाइक के लिए नए-नए लेन बनाए जा रहे हैं। ट्रैफिक चार्ज बढ़ा दिया गया ह। राजधानी में कई पार्किंग एरिया खत्म कर दिए गए हैं। फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में कारों की संख्या को कम करने के लिए पार्किंग चार्ज काफी बढ़ा दिए गए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को ठीक किया गया। कार की बजाए बाइक चलाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। शहर के आवासीय इलाकों में पैदल चलने के रास्ते बनाए गए हैं। यहां 2050 के लिए ये लक्ष्य रखा गया है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को इतना दुरुस्त कर दिया जाए कि कोई भी आदमी कार रखना नहीं चाहे।
ज्यूरिख में पार्किंस स्पेस को कम किया गया है। एक वक्त में एक निश्चित संख्या में ही शहर में कारों को रखने का निर्देश जारी किया गया है। यहां कार फ्री जोन बनाए गए हैं। पैदल चलने वालों की सुविधा के लिए स्पेशल लेन बनाए गए हैं। इसकी वजह से यहां ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या में काफी सुधार आया है।
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