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India News (इंडिया न्यूज), Year Ender 2023: यह साल देश के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा। इस साल में देश ने कई उपलब्धियां हासिल की है। चाहे जी-20 की अध्यक्षता करना हो या चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिग कराना हो। इस साल को इतिहास के पन्ने में दर्ज कर लिया गया है। हालांकि इस साल की कुछ घटनाएं देश के लिए काफी भयावह भी शाबित हुआ है। आज हम इन सारी घटनाओं को एक बार फिर से याद करेंगे।
आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में 29 अक्टूबर दो पैसेंजर ट्रेनों में भीड़त हो गई। जिसकी वजह से 13 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि इस घटना में लगभग 50 यात्री घायल भी हुए। ट्रनों के टक्कर होते ही आसपास में कोहराम मच गया। आज भी लोग उस घटना को नहीं भूल पा रहे। इस घटना में कई लोगों ने अपने परिवार का सदस्य खो दिया। वहीं कुछ लोगों का पूरा परिवार ही खत्म हो गया।
इस साल में प्रकृति ने भी अपना विकराल रुप दिखाया है। भारत की सबसे कम आबादी वाले राज्य सिक्किम को नेचर ने अपना शिकार बनाया। तीस्ता नदी के किनारों के टूटने से पास के गांव में तबाही मच गई। इस विनाशकारी बाढ़ ने 30 से अधिक लोगों की जान ले ली। साथ ही हजारों लोगों की आजीविका नष्ट कर दी। इस घटना को शायद ही सिक्किम के लोग कभी भूल पाएंगे।
इस साल हिमाचल के लोगों के लिए और साथ ही पूरे देश के लोगों के लिए भी काफी दर्दनाक रहा। उत्तराखण्ड के इतिहास को एक बार फिर हिमाचल की घटना ने ताजा कर दिया। हिमाचल में लैंडस्लाइड और बादल फटने की वजह से काफी नुकसान हुआ। इस साल के बाढ़ में सैकड़ो लोग डूब कर मर गए। इस घटना से पूरे दुनिया और देश का ध्यान एक बार फिर से नेचर की सुरक्षा की ओर भी गया है।
महाराष्ट्र के नागपूर में 23 सितंबर की आधी रात आई बाढ़ ने सभी को त्रस्त कर दिया। हालांकि इस घटना में ज्यादा लोगों की मौत नहीं हुई। लेकिन इस बाढ़ की वजह से आम जीवन पूरी तरह से तहस-नहस हो गया। अचानक आया बाढ़ का पानी 10 हजार घरों में घुस गया। इस घटना को काबू में करते हुए फडणवीस सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 10,000 रुपये की आपातकालीन सहायता की घोषणा की थी।
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में लैंडसलाइड की वजह ने भी इस साल खूब तबाही मचाई। कई दिनों तक लोगों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाए गए। इस भूस्खलन में मरने वालों की संख्या लगभग 30 थी। वहीं करीब 81 लोग लापता हो गए थें।
साल की शुरुआत में ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना ने दिल दहला दिया। इस घटना में लगभग 300 लोगों की जान चली गई। वहीं लोग पूरी जिन्दगी के लिए अपने शरीर के अंग को खो दिए। इस घटना में एक ही जगह पर तीन ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिससे पूरे देश में तबाही मची थी। इस घटना ने कई अधिकारियों को सवाल के कटघरे में खड़ा किया था।
उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूर 17 दिनों तक फंसे रहे। इन्हे बचाने के लिए कई उपाए लगाए गए। उत्तराखण्ड सरकार के साथ भारत सरकार भी घटना पर लगातार नजर बनाई रखी। जिसके बाद टनल में फंसे मजदूरों को निकाला गया। इन्हें निकालने के लिए रेस्कयू टीम 24 घंटो तक लगातार काम करती रही। हालांकि 17 दिनों के मुश्किलों के बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
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