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Mianwali Terror Attack: सेना ने मार गिराए 9 फिदायीन, 3 एयरक्राफ्ट और फ्यूल टैंकर तबाह

Shashank Shukla • LAST UPDATED : November 4, 2023, 4:18 pm IST

Mianwali Terror Attack: कहते हैं न कि सांप को दूध पिलाना खतरे से खाली नहीं है। आज यह मुहावरा पाकिस्तान के उपर सटीक बैठता है। सालों से अपने बुरे मंसूबे के चलते आंतकवादियों को पाल-पोसकर बड़ा करना आज उसी पर भारी पड़ रहा है और आए दिन उनके देश के भीतर उनके नागरिकों औऱ सैनिकों पर आंतकवादी हमले हो रहे हैं। ऐसे ही एक हमला पाकिस्तान के एक एयरबेस पर हुआ है।

पंजाब प्रांत में हुआ हमला

भारी हथियारों से लैस नौ आतंकवादियों ने आज सुबह पंजाब प्रांत में पाकिस्तान वायु सेना के प्रशिक्षण अड्डे पर हमला किया। सेना ने कहा, देश में तीन अलग-अलग आतंकवादी हमलों में 17 सैनिकों के मारे जाने के एक दिन बाद उन सभी को आंतकवादियों को “नरक में भेज दिया गया।”

सेना अभियान के समाप्ति की पुष्टि की

पाकिस्तान वायु सेना के मियांवाली ट्रेनिंग एयर बेस पर नौ आतंकवादियों ने हमला किया था, पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा, हमले के दौरान तीन पहले से ही गैर-परिचालन वाले विमानों को कुछ नुकसान हुआ है। सेना ने पुष्टि की कि “पीएएफ प्रशिक्षण एयरबेस मियांवाली में तलाशी और निकासी अभियान समाप्त हो गया है और सभी नौ आतंकवादियों को मार गिराया गया है।”

पाक सेना ने जारी किया बयान

बयान में कहा गया, “आज सुबह बेस पर हुए कायरतापूर्ण और असफल आतंकवादी हमले के बाद आसपास के क्षेत्र में किसी भी संभावित खतरे को खत्म करने के लिए” ऑपरेशन शुरू किया गया था। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि हालांकि पीएएफ की किसी भी काम में आने वाली संपत्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन हमले के दौरान पहले से ही इस्तेमाल से हटाए गए कुछ विमानों को नुकसान पहुंचा है।

तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान ने ली जिम्मेदारी

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से संबद्ध एक नए उभरे आतंकवादी समूह तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) ने मीडिया को दिए एक बयान में हमले की जिम्मेदारी ली है।

प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने की निंदा

कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने हमले की निंदा करते हुए कहा, “हमारी सुरक्षा को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का डटकर विरोध किया जाएगा।”
यह हमला अशांत बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में सिलसिलेवार आतंकी हमलों में कम से कम 17 सैनिकों के मारे जाने के कुछ घंटों बाद हुआ है। शुक्रवार को अशांत दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में पसनी से ग्वादर जिले के ओरमारा इलाके में सुरक्षा बलों को ले जा रहे दो वाहनों पर आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया, जिसमें चौदह पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।

बलूचिस्तान प्रांत में सबसे बड़ी क्षति

इस साल बलूचिस्तान प्रांत में सेना को हुई सबसे बड़ी क्षति है, जहां नवंबर 2022 में टीटीपी और पाकिस्तान सरकार के बीच संघर्ष विराम समझौते के समाप्त होने के बाद से अलगाववादियों ने अपने हमले तेज कर दिए हैं। ग्वादर हमले से कुछ घंटे पहले, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों के काफिले को निशाना बनाकर किए गए सिलसिलेवार बम विस्फोट में एक सैनिक और पांच अन्य की मौत हो गई और 24 अन्य घायल हो गए। इसी प्रांत के लक्की मारवत जिले में एक अन्य हमले में दो सैनिक मारे गए।

हिंसा में वृद्धि (Mianwali Terror Attack)

मुख्य रूप से अशांत बलूचिस्तान प्रांत में पूरे साल, आतंकवादी और अलगाववादी पाकिस्तान में सुरक्षा बलों को निशाना बनाते रहे हैं । पिछले रविवार को अवारन जिले के खोरो इलाके में दो सैनिकों की मौत हो गई थी। जुलाई में बलूचिस्तान के झोब और सुई इलाकों में अलग-अलग सैन्य अभियानों में 12 सैनिक मारे गए थे। अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान को हिंसा में वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है। सितंबर में जारी पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (PICSS) की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को अगस्त में 99 हमलों का सामना करना पड़ा, जो नवंबर 2014 के बाद से एक महीने में सबसे अधिक संख्या है। अगस्त में आतंकवादी हमलों की संख्या मासिक हमलों के लिए सबसे अधिक थी।

मारे गए 350 से जवान

ग्वादर जिले में हाल के महीनों में सबसे अधिक हमले हुए हैं और अगस्त में प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी से जुड़े अलगाववादियों ने ग्वादर के बंदरगाह शहर में 23 चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हमला किया था। सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस), एक थिंक टैंक, ने अक्टूबर में जारी एक रिपोर्ट में कहा कि सुरक्षा बलों ने 2023 के पहले नौ महीनों में कम से कम 386 कर्मियों को खो दिया, जो आठ साल का उच्चतम स्तर है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान हिंसा के प्राथमिक केंद्र थे, इस अवधि के दौरान दर्ज की गई सभी मौतों में से लगभग 94 प्रतिशत और 89 प्रतिशत हमले (आतंकवाद और सुरक्षा बलों के संचालन की घटनाओं सहित) हुए।

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