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कोरोना महामारी के बाद अब मारबर्ग वायरस ने बढ़ाई चिंता, 10 लोगो का मौत, जाने इसके खतरनाक लक्षण

Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : February 20, 2023, 6:56 pm IST

इंडिया न्यूज़: (Marburg Virus) कोरोना वायरस महामारी के बाद अब एक नए वायरस मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) ने चिंता बढ़ा दी है। बता दें कि इस खतरनाक वायरस से अफ्रीका में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है और अन्य 16 संदिग्ध मामलों की जांच की जा रही है। यह वायरस जानलेवा इबोला (Ebola) से मिलता-जुलता बताया जा रहा है। वहीं, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने हाल ही में सेंट्रल अफ्रीका के एक छोटे देश इक्वेटोरियल गिनी देश में इस वायरस की पुष्टि की गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि यह वायरस काफी घातक है। अगर इसका इलाज न कराया जाए, तो 88 प्रतिशत लोगों के लिए घातक हो सकता है। तो यहां जानिए इस खतरनाक वायरस के बारे में जानकारी, इसके लक्षण और इससे किस तरह से बचा जा सकता है।

  • कोरोना के बाद अब मारबर्ग वायरस ने बढ़ाई चिंता
  • 10 लोगों की हो चुकी है मौत
  • इस खतरनाक वायरस की नही है वैक्सीन

क्या है मारबर्ग वायरस

ऐसा माना जाता है कि मारबर्ग वायरस फल खाने वाले अफ्रीकी चमगादड़ों में पैदा हुआ था। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, युगांडा से आयात किए गए हरे बंदरों के साथ काम करने वाले लोगों के बीच पहली बार 1967 में जर्मनी और पूर्व यूगोस्लाविया में इसकी पहचान की गई थी।

इस तरह से फैलता है मारबर्ग वायरस

​डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जिस जगह पर चमगादड़ पाए जाते है उन जगहों पर इस वायरस का खतरा सबसे ज्यादा होता हैं। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के रक्त या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के सीधे संपर्क से, वायरस से दूषित सतहों जैसे कि कपड़े या चादर के जरिए मनुष्यों के बीच फैलता है।

मारबर्ग वायरस के लक्षण

  • WHO के अनुसार, मारबर्ग वायरस के लक्षण अचानक शुरू हो सकते जिनमें तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द और बेचैनी शामिल हैं।
  • इनके अलावा मांसपेशियों में दर्द के साथ शरीर में अन्य अंगों में दर्द की भी शिकायत हो सकती है।
  • यह हर अंग को प्रभावित कर सकता है।
  • इससे आपको गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (आंतों या पेट) से जुड़ी जटिलताएं हो सकती है।
  • इस वायरस की वजह से आसानी से रक्तस्राव हो सकता है।
  • पहले सात दिनों में त्वचा पर दाने दिखाई दे सकते हैं।
  • यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो सकता है, जिससे आपको भ्रम, आक्रामकता और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
  • वायरस के शुरुआत के 8 से 9 दिनों बाद पीड़ित की मौत हो सकती है।

मारबर्ग वायरस का इलाज

वर्तमान समय में मारबर्ग के लिए कोई वैक्सीन नहीं बना है और इसका इलाज करने के लिए कोई दवा या इलाज भी नहीं है। लेकिन मरीजों की मदद की जा सकती है। हालांकि लक्षणों को कम करने के लिए मरीज की देखभाल जरूरी है। मरीज को खूब तरल पदार्थ दें और इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बनाए रखने की कोशिश करें। इससे मौत का जोखिम काफी हद तक हो सकता है।

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