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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : अभी ट्विटर द्वारा की गई बड़े पैमाने पर छंटनी की खबर को लोग समझ ही रहे थे कि अब एक और सोशल मीडिया कंपनी इसी पैमाने पर छंटनी करने जा रही है। आपको बता दें, ट्विटर ने एक झटके में अपने लगभग 50 प्रतिशत कर्मचारियों को निकाल दिया है और अब फेसबुक भी उसी रास्ते जाते दिख रही है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक की मूल कंपनी मेटा इस सप्ताह बड़े पैमाने पर छंटनी शुरू करने की योजना बना रही है। वहीं दूसरे मीडिया स्रोतों की रिपोर्ट है कि छंटनी हजारों कर्मचारियों को प्रभावित करेगी और घोषणा 9 नवंवर को बुधवार के पहले प्रहर में होने की संभावना है।
मेटा से यह हतोत्साहित करने वाली खबर तब आ रही है जब मेटा के सामने एक सुस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौती के साथ, टिकटोक से प्रतिद्वंद्विता, ऐप्पल की गोपनीयता में बदलाव और मेटावर्स पर बड़े खर्च जैसी चिंताएँ सामने तो हैं ही, इसके ही रेगुलेशन का मुद्दा भी लगातार चुनौतियां खड़ा कर रहा है। ज्ञात हो, मेटा ने जून में इंजीनियरों को काम पर रखने की अपनी योजनागत महत्वाकांक्षाओं को पहले ही 30 प्रतिशत तक कम कर दिया था, और मार्क जुकरबर्ग ने कर्मचारियों को अर्थव्यवस्था में मंदी के लिए तैयार रहने की सलाह दी थी।
कुछ महीने बाद, अक्टूबर में, मेटा ने एक निराशाजनक क्रिसमस तिमाही और 2023 में बहुत अधिक लागत बढ़ने की भविष्यवाणी की थी, जिसके अनुसार इसका स्टॉक के बाजार मूल्य में लगभग 67 बिलियन डॉलर तक की कमी आएगी, जो कि पहले से ही अब तक आधा ट्रिलियन डॉलर कम हो चुका है।
बता दें, जुकरबर्ग के अनुसार, मेटावर्स में निवेश पर रिटर्न आने में लगभग दस साल लगेंगे। इस बीच में लागत बचाने के लिए, भर्तियों पर रोक लगाई गई है, परियोजनाओं को रद्द किया गया है और हम टीमों को पुनर्व्यवस्थित करने के लिए मजबूर हुए हैं।
जुकरबर्ग के अनुसार “2023 में, हम अपने निवेश को उच्च प्राथमिकता वाले विकास क्षेत्रों की एक छोटी संख्या पर केंद्रित करने जा रहे हैं। इसका मतलब है कि कुछ टीमें सार्थक रूप से बढ़ेंगी, लेकिन अधिकांश अन्य टीमें फ्लैट बनी रहेंगी या अगले वर्ष सिकुड़ेंगी। कुल मिलाकर, हम उम्मीद करते हैं कि 2023 की समाप्ति तक या तो फेसबुक मोटे तौर पर उसी आकार के रूप में बना रहेगा, या फिर आज की तुलना में थोड़ा छोटा संगठन होगा।”
दरअसल, वैश्विक स्तर पर बढ़ी हुई ब्याज दरों, बढ़ती हुई मुद्रास्फीति और यूरोपीय ऊर्जा संकट ने हाल के दिनों में न केवल ट्विटर और मेटा को कर्मचारियों की कटौती के लिए मजबूर किया है, बल्कि माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प और स्नैप इंक सहित कई तकनीकी कंपनियों ने भी हाल के महीनों में रोजगार पर कैंची चलाई है।
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