India News (इंडिया न्यूज), Attacks On Hindus In Bangladesh : पड़ोसी देश बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा हो रही है। भारत सरकार की तरफ से बांग्लादेश को कई बार अपनी जिम्मेदारी याद दिलाई गई है। सेकिन उसके बाद भी वहां की अंतरिम सरकार सुधरने का नाम नहीं ले रही है, उल्टा भारत सरकार और भारतीय मीडिया पर बांग्लादेश का नाम खराब करने का आरोप लगाया जा रहा है। बांग्लादेश में बितते समय के साथ हिंदू अल्पसंख्यकों स्थिती खराब होती चली जा रही है। वैसे पहले भी भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं। उस वक्त विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी कूटनीति के दम पर भारत को हमेशा एक कदम आगे रखा हुआ है। यही वजह है कि पीएम मोदी एस जयशंकर पर इतना भरोसा करते हैं।
अब बाग्ंलादेश को लेकर भी सभी की नजरें एस जयशंकर पर टिकी हुई हैं। हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर विदेश मंत्रालय एक बार फिर से एक्टिव हो गया। इसके साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ऐक्शन में आ गए हैं। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि विदेश सचिव 9 दिसंबर को एफओसी (फॉरेन ऑफिस कन्सलटेशन) के लिए बांग्लादेश जाने वाले हैं। मंत्रालय ने बताया कि यह बांग्लादेश पक्ष के साथ हमारी संरचित बातचीत का हिस्सा है। इससे पहले मालदीव, चीन को भी एस जयशंकर सबक सिखा चुके हैं।
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बांग्लादेश की तरह ही भारत और मालदीव के बीच संबंधों में पिछले साल ही तल्खी देखने को मिली थी। वहां के राष्ट्रपति मुइज्जू ने इंडिया आउट कैंपन के जरिये भारत को आंखे दिखाई थीं। उन्होंने भारतीय सैनिकों को मालदीव छोड़ने का फरमान बी सुना दिया। इसके बाद एंट्री हुई एस जयशंकर की जिनके नेतृत्व वाले विदेश मंत्रालय की कूटनीति का ही परिणाम था कि कुछ महीनों तक संबंधों में कड़वाहट कम होती नजर आई।
वहीं चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने में जयशंकर की टीम का बड़ा हाथ था। न 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे। यह झड़प पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच हुई सबसे भीषण सैन्य झड़प थी।
9 दिसंबर को विदेश सचिव के बांग्लादेश जाने के पीछे एस जयशंकर की कूटनीतिक रणनीति को बताया जा रहा है। मंत्रालय ने बताया कि यह बांग्लादेश पक्ष के साथ हमारी संरचित बातचीत का हिस्सा है। मंत्रालय ने कहा कि सीरिया में हमारा मिशन भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर उनके साथ संपर्क में है। आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा की हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर एस जयशंकर क्या करते हैं।