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अफगानिस्तान में ब्यूटी पार्लर पर बैन! क्या इस्लाम में हराम है मेकअप? जानें इस पर स्कॉलर्स की राय

Akanksha Gupta • LAST UPDATED : July 8, 2023, 12:05 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Taliban on beauty Parlours, नई दिल्ली: अफगानिस्तान में एक बार फिर से तालिबान ने महिलाओं के खिलाफ फरमान जारी किया है। तालिबान के इस फरमान को लेकर पुरी दुनिया में बहस छिड़ गई है। ब्यूटी पॉर्लरों और मेकअप पर तालिबान ने बैन लगा दिया है। तालिबान ने अब इसे जायज बताते हुए इसकी वजह बताई है। तालिबान ने कहा कि ब्यूटी पॉर्लर इस्लाम के खिलाफ है। इन दुकानों पर जो-जो होता है वह इस्लाम के लिए हराम है। शादी के वक्त दूल्हे के घर में ब्यूटी पॉलर आर्थिक बोझ का कारण भी बन जाता है।

दरअसल, पिछले दिनों तालिबान ने अफगानिस्तान में ब्यूटी पॉर्लरों को बंद करने का आदेश जारी दिया था। इसके लिए एक माह का समय भी दिया गया है। तालिबान के इस फरमान की अब हर तरफ निंदा हो रही है। मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने तालिबान के इस फरमान की कड़ी निंदा की है।

“मेकअप करना कहीं से भी इस्लाम के खिलाफ नहीं” 

“ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मो.यूनुस ने इसे लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देखिए सबसे पहले आपको ये समझना पड़ेगा कि अफगानिस्तान में इस वक्त एक आतंकी संगठन की हुकूमत है और ये आतंकी संगठन महिलाओं के कमाने, खाने के जरिया को बंद करना चाहते हैं। सोचा जा सकता है ये महिलाएं अब कहां जाएंगी? इनका रोजगार कैसे चलेगा? तालिबानी ये बताएं कि किस शरीयत में लिखा है कि महिलाओं को मेकअप नहीं करना चाहिए? औरतौं का मेकअप करना कहीं से भी इस्लाम के खिलाफ नहीं है।”

मो.यूनुस ने कहा, “संवरना, सजना, मेकअप करना और आभूषण पहनना महिलाओं का एक जन्मजात स्वभाव है. जिस तरह पुरुषों को अपने नेचर के मुताबिक रहने और पोषाक पहनने की इच्छा होती है उसी तरह औरतें भी अपने नेचर के मुताबिक रहतीं, पहनती हैं तो इसमें बुराई क्या है? हर इंसान अच्छा दिखने की कोशिश करता है। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ तालिबान के इस फरमान की निंदा करता है।”

1400 साल पहले कोई ब्यूटी पॉर्लर था?- मौलाना 

इसके साथ ही मर्कजी अंजुमन-ए-काद्रिया के प्रेसिडेंट मौलाना पीर अली कादरी ने इस फरमान को लेकर कहा, “इस्लाम में महिलाओं का मेकअप पूरी तरह से जायज़ है लेकिन ये सिर्फ और सिर्फ उसके मर्द के लिए होना चाहिए दुनिया को दिखाने के लिए नहीं। क्योंकि इस्लाम में गोशा या पर्दा की अपनी एक अहमियत है।” उनका भी यही कहना है, “ये दिन तालिबान जिस तरह के फतवे जारी करता रहता है, उससे मेरा सवाल है कि क्या 1400 साल पहले कोई ब्यूटी पॉर्लर था, जो इस्लाम के नाम पर वे इस तरह की बातें करता है। जहां तक मेकअप करने की बात है तो वह महिलाओं के लिए कहीं से भी नाजायज नहीं है।”

“तालिबान इस्लाम को बदनाम और कट्टरता को बढ़ा रहा है”

मौलाना पीर अली कादरी ने कहा, “जिस ब्यूटी पॉर्लर को तालिबान बंद करना चाहता है उसके अंदर भी तो महिलाएं ही काम करती हैं, तो यह नाजायज कैसे हो गया। आज दुनिया भर में कई तरह के ऐसे व्यावसायिक क्षेत्र हैं, जहां महिलाओं का मेकअप करना जरूरी हो गया है। दरअसल तालिबान जिस तरह के फतवे या फरमान जारी करता है वह इस्लाम को बदनाम करने वाला और कट्टरता को बढ़ाने वाला है।”

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