संबंधित खबरें
Trump के सिर चढ़ गया सत्ता का पावर, खा जाएंगे इन लोगों की नौकरी, लीक हुए इस प्लान ने देश में मचाई हलचल
ड्रैगन ने फिर चली लोमड़ी चाल, पाकिस्तान के बाद भारत का यह भी पड़ोसी हुआ 'कंगाल', अब जिनपिंग के खिलाफ PM मोदी उठाएंगे ये कदम
हिजबुल्लाह के हमलों से दहला इजरायल, नेतन्याहू के दूतों से चुन-चुनकर बदला ले रहा इस्लामिक संगठन, अब क्या यहूदी देश देगा जवाब?
ब्रिटेन सरकार ने रूस को लेकर दुनिया को दी बड़ी चेतावनी…हिल गए सारे देश, अब होगा कुछ बड़ा
पाकिस्तान ने जारी किया तालिबानी फरमान, अब मोबाइल फोन पर भी इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे लोग, क्या है इसके पीछे का राज?
फेक न्यूज पर बने कानून को लेकर क्यों बैकफुट पर आया ऑस्ट्रेलिया, पीएम के इस फैसले से नाखुश दिखे उनकी ही पार्टी के नेता
India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh Government: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा गठित समीक्षा समिति ने रविवार (24 नवंबर) को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासन द्वारा विभिन्न व्यापारिक समूहों के साथ हस्ताक्षरित बिजली समझौतों की जांच के लिए एक जांच एजेंसी नियुक्त करने की सिफारिश की। जिसमें अडानी समूह के साथ एक समझौता भी शामिल है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय की राष्ट्रीय समीक्षा समिति ने 2009 से 2024 तक शेख हसीना के निरंकुश शासन के दौरान हस्ताक्षरित प्रमुख बिजली उत्पादन समझौतों की समीक्षा के लिए एक प्रतिष्ठित कानूनी और जांच एजेंसी की नियुक्ति की सिफारिश की है।
मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि समिति वर्तमान में सात प्रमुख ऊर्जा और बिजली परियोजनाओं की समीक्षा कर रही है। जिसमें अडानी (गोड्डा) BIFPCL 1234.4 मेगावाट कोयला आधारित संयंत्र, अडानी पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी शामिल है। इसके साथ ही छह अन्य समझौतों में एक चीनी कंपनी के साथ है, जिसने 1320 मेगावाट कोयला आधारित बिजली संयंत्र बनाया है। जबकि बाकी बांग्लादेशी व्यापारिक समूहों के साथ हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे पिछली सरकार के करीबी हैं। बता दें कि, बयान के अनुसार, समिति ने बहुत सारे सबूत जुटाए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता कानूनों और प्रक्रियाओं के अनुरूप समझौतों को रद्द या पुनर्विचार करने के लिए उचित ठहराते हैं।
दरअसल, अडानी समूह ने हाल ही में बांग्लादेश सरकार को अपने बकाया 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बिजली आपूर्ति बिल के बारे में एक पत्र भेजा है। जबकि बांग्लादेश के सरकारी बिजली विकास बोर्ड ने कहा कि उन्होंने डॉलर संकट के बावजूद पहले ही 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान कर दिया है और पूरी राशि का भुगतान करने की उम्मीद कर रहे हैं। बता दें कि, अडानी का गोड्डा थर्मल प्लांट विशेष रूप से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति करने के लिए स्थापित किया गया था। लेकिन भारत ने हाल ही में एक कानून में बदलाव किया है, जिससे भारतीय कंपनी को घरेलू बाजार में गोड्डा बिजली बेचने की अनुमति मिल गई है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.