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India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh Asking Help From India: शेख हसीना जब से अपने ही देश से लोगों के जान बचाकर भारत आई हैं, तब से बांग्लादेश, भारत के पीछे पड़ गया है। कई चीजों के लिए भारत पर निर्भर होने के बावजूद इस देश ने बार-बार भारत को लाल आंखें दिखाई हैं। इस रवैये से तंग आकर जब भारत ने सख्त कदम उठा लिए तब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अपनी गलती का एहसास हो गया। अब मोहम्मद यूनुस सरकार, भारत के आगे हाथ जोड़ने के लिए मजबूर हो गई है।
ताजा मामले में गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर आपत्ति जताने के एक दिन बाद बांग्लादेश अब नदी जल के मुद्दे पर भारत के सामने गिड़गिड़ाता नजर आ रहा है। हाल ही में झारखंड में एक चुनावी रैली में गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य से बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़कर उल्टा लटकाने की बात कही थी, जिससे पड़ोसी देश में हड़कंप मच गया था। सबसे पहले तो बांग्लादेश अपने लोगों को भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करने से नहीं रोक पा रहा है। जब ये लोग भारत में आकर भारतीयों के रोजगार के अधिकार को हड़पते हैं, तो गृह मंत्री की सख्त टिप्पणी उन्हें बांग्लादेशी पहचान की याद दिलाती है। गृह मंत्री के बयान के बाद बांग्लादेश ने ढाका में भारतीय उच्चायुक्त से संपर्क कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार में जल संसाधन सलाहकार सईदा रिजवाना हसन ने बुधवार को कहा कि बांग्लादेश जल्द ही भारत के साथ सीमा पार नदियों के जल बंटवारे पर बातचीत करेगा। बुधवार को ‘विश्व नदी दिवस’ के अवसर पर आयोजित सेमिनार में बोलते हुए रिजवाना ने कहा कि बातचीत जनता की राय पर विचार करने के बाद होगी और बातचीत के नतीजों को लोगों के साथ साझा किया जाएगा।
बांग्लादेशी सरकार के सलाहकार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नदियों के जल बंटवारे का मुद्दा जटिल है, लेकिन जरूरी सूचनाओं का आदान-प्रदान राजनीतिक नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई देश बारिश के आंकड़ों और नदियों में संरचनाओं के स्थान के बारे में जानकारी चाह सकता है और आंकड़ों के आदान-प्रदान से जान-माल के नुकसान को रोकने में मदद मिल सकती है। बारिश के आंकड़ों को साझा करना एक मानवीय मुद्दा है। जान बचाने के लिए जरूरी आंकड़े मुहैया कराए जाने चाहिए। बांग्लादेश के दावों को स्पष्ट और मजबूती से रखा जाएगा।
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