बीएसएफ के एक बयान में कहा गया है, “संबंधित क्षेत्र भारतीय सीमा में उत्तर 24 परगना जिले के बागदा ब्लॉक के रानाघाट गांव में है।” बीएसएफ ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय सीमा कोडालिया नदी के किनारे है, जिसे दोनों तरफ संदर्भ स्तंभों द्वारा सीमांकित किया गया है। बीएसएफ का ड्यूटी पैटर्न दशकों से अपरिवर्तित रहा है।” बीएसएफ ने इस दावे का भी खंडन किया कि बीजीबी कर्मियों ने मोटर चालित नावों और एटीवी का उपयोग करके क्षेत्र में 24 घंटे गश्त शुरू कर दी है। बीएसएफ ने 8 जनवरी को कहा कि बीजीबी के साथ हालिया मतभेदों को ‘फ्लैग मीटिंग’ के जरिए सुलझाया जाएगा।
बीएसएफ अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर कंटीले तारों की बाड़ लगाने का काम बीजीबी की आपत्ति पर अस्थायी रूप से रोक दिया गया था और तब से शांतिपूर्ण तरीके से फिर से शुरू हो गया है। बीएसएफ की पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रवि गांधी ने पीटीआई को बताया, “क्षेत्रीय प्रभुत्व बरकरार है और बीएसएफ सीमाओं की मुस्तैदी से रखवाली कर रही है। समय-समय पर जमीन पर मतभेद होते हैं, लेकिन उन मुद्दों को ‘फ्लैग मीटिंग’ में सुलझा लिया जाएगा।” मालदा में कालियाचक-III ब्लॉक के सुकदेवपुर इलाके में बाड़ लगाने का काम 6 जनवरी को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था क्योंकि बीजीबी ने दावा किया था कि यह काम बांग्लादेशी क्षेत्र में किया जा रहा है। हालांकि, बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझा लिया गया और 7 जनवरी को बिना किसी रुकावट के काम फिर से शुरू हो गया। एडीजी गांधी ने मंगलवार को कहा, “बाड़ लगाने का काम अब बिना किसी समस्या के चल रहा है। जमीनी स्तर पर बीजीबी जवानों और कमांडरों के बीच गलतफहमी दूर हो गई है।”
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