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India News (इंडिया न्यूज़), Bangladesh Quota Stir: बांग्लादेश में आरक्षण हटाने को लेकर चल रहा प्रदर्शन दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। स्थानीय पुलिस ने बताया कि शुक्रवार (19 जुलाई) को छात्र प्रदर्शनकारियों ने मध्य बांग्लादेश के नरसिंगडी जिले की एक जेल से सैकड़ों कैदियों को छुड़ाया। फिर जेल की इमारत में आग लगा दी। एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर मीडिया को बताया कि कैदी जेल से भाग गए और प्रदर्शनकारियों ने जेल में आग लगा दी।उन्होंने कहा कि मुझे कैदियों की संख्या नहीं पता, लेकिन यह सैकड़ों में होगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने जेल से भागने की खबर की पुष्टि की, लेकिन आगे कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। वहीं ढाका के पुलिस बल ने हिंसा के एक और दिन को रोकने के प्रयास में दिन के लिए सभी सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया।
पुलिस प्रमुख हबीबुर रहमान ने कहा कि हमने आज ढाका में सभी रैलियों, जुलूसों और सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम आवश्यक था। हालांकि, रैलियों के आयोजन को विफल करने के उद्देश्य से इंटरनेट बंद किए जाने के बावजूद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव का एक और दौर नहीं रुका। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमारा विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वे शेख हसीना का तत्काल इस्तीफा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हत्याओं के लिए जिम्मेदार है। दरअसल, अस्पतालों द्वारा बताए गए पीड़ितों की संख्या के हवाले से कुछ रिपोर्टों के अनुसार, अशांति में अब तक कम से कम 64 लोगों की मौत हो चुकी है।
बता दें कि, बांग्लादेश में कोटा आंदोलन, जो 1 जुलाई को उच्च न्यायालय द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के कोटे को बहाल करने के बाद शुरू हुआ था। जिसमें उनके वंशजों के लिए एक तिहाई सिविल सेवा पद आरक्षित किए गए थे, हिंसक झड़पों में बदल गया है। बांग्लादेश के ढाका, चटगाँव, रंगपुर और कमिला सहित कई शहरों में लाठी और पत्थरों से लैस हजारों छात्रों ने सशस्त्र पुलिस का सामना किया है। छात्रों के विरोध और उसके बाद आगजनी और पथराव ने ढाका और देश के अन्य बड़े शहरों में काफी व्यवधान पैदा किया है। जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।
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