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India News (इंडिया न्यूज),Bangladesh:एक तरफ बांग्लादेश शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ उसने भारत के लिए सबसे खतरनाक शख्स को जेल से रिहा कर दिया है। यह शख्स कोई और नहीं बल्कि पड़ोसी देश का पूर्व मंत्री अब्दुस सलाम पिंटू है। अब्दुस ने भारत पर हमला करने के लिए आतंकियों की मदद की थी। उसने शेख हसीना की रैली में हमले कराए हैं। पिंटू की गिनती खालिदा जिया के सबसे करीबी नेताओं में होती है। अब्दुस सलाम पिंटू की रिहाई भारत और शेख हसीना दोनों के लिए चिंता की बात है। सलाम बांग्लादेश के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। खालिदा जिया की सरकार में वे इस पद पर थे। सरकार में रहते हुए उन्होंने भारत और हसीना के खिलाफ कई साजिशें रचीं। आतंकियों को फंडिंग करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया था। वे पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन को फंडिंग करते थे, ताकि उसके आतंकी कश्मीर के जरिए भारत को नुकसान पहुंचा सकें। जब जांच हुई तो पता चला कि उन्होंने न सिर्फ फंडिंग की बल्कि आतंकियों को हथियार और सूचनाएं भी दीं।
खालिदा जिया 2001 से 2006 तक बांग्लादेश सरकार में थीं। उस दौरान कई आतंकी संगठन या तो पाकिस्तान को फंड दे रहे थे या फिर पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेकर भारत पर हमला करने की फिराक में थे।लेकिन सरकार बदलने के बाद पिंटू के खिलाफ जांच की गई, जिसमें पाया गया कि वह न सिर्फ कट्टरपंथी था बल्कि बांग्लादेश के इतिहास का सबसे खतरनाक मंत्री भी था। उसने न सिर्फ भारत के खिलाफ साजिश रची, बल्कि शेख हसीना भी उसके निशाने पर थीं।21 अगस्त 2004 को उसने हसीना की रैली पर हमला किया था, जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले में शेख हसीना भी घायल हुई थीं। पिंटू को 2008 में गिरफ्तार किया गया था। 2018 में उसे मौत की सजा सुनाई गई।
Abdus Salam Pintu
लेकिन 2024 में बांग्लादेश में सत्ता बदलते ही उसके सुनहरे दिन आ गए और कोर्ट ने सबको चौंकाते हुए उसे रिहा करने का आदेश दे दिया। 1 दिसंबर को कोर्ट ने पिछले फैसले को अमान्य करार देते हुए मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया। अब्दुस सलाम पिंटू 1991 और 2001 के राष्ट्रीय चुनावों में तंगेल-2 से सांसद चुने गए थे। अब सवाल उठता है कि क्या वे फिर से मंत्री बनेंगे। इसका जवाब हां भी हो सकता है, क्योंकि उन्हें खालिदा जिया के सबसे करीबी नेताओं में से एक माना जाता है। अगर उन्हें फिर से मंत्री पद दिया जाता है तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा। वे बीएनपी के केंद्रीय उपाध्यक्ष हैं।
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