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चीन करने वाला है एक और कारनामा! 'चंद्रमा की मिट्टी' से बना ली ईंटें, आखिर क्या है मकसद?

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : September 9, 2024, 2:02 am IST

China Made Bricks for Moon

India News (इंडिया न्यूज),China Made Bricks for Moon: दुनिया जहां चांद पर उतरने की कोशिश कर रही है, वहीं चीन चांद पर घर बनाने की तैयारी कर रहा है। उसने चांद की कृत्रिम मिट्टी से ईंटें तैयार की हैं। अब इन्हें तीन साल तक स्पेस स्टेशन में रखा जाएगा, ताकि पता चल सके कि ये ईंटें अंतरिक्ष में रहने के लिए कितनी मजबूत हैं। अगर चीन का यह मिशन सफल होता है तो चीन इसी मिट्टी से चांद पर घर बनाएगा। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक वुहान स्थित हुआझोंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक डिंग लियुन और उनकी टीम सालों से इन ईंटों पर काम कर रही थी।

डिंग ने बताया कि, इन ईंटों को अगले महीने तियानझोउ-8 कार्गो स्पेसक्राफ्ट से तियानगोंग स्पेस स्टेशन भेजा जाएगा। हम तीन साल तक इन ईंटों पर नजर रखेंगे और देखेंगे कि इन पर रेडिएशन और तापमान का कितना असर होता है। ये ईंटें खराब होती हैं या नहीं।

सामान्य ईंटों से ये ईंटे मजबूत

दरअसल, डिंग ने लाइव शो में कहा, हम धरती पर 100 मेगापास्कल की मजबूती तक की ईंटें बना सकते हैं, जो कंक्रीट से कहीं ज्यादा सख्त होती हैं। लेकिन क्या ये ईंटें चांद जैसे कठोर वातावरण का सामना कर पाएंगी, ये हमें देखना होगा। हमने धरती पर बिल्कुल चांद की मिट्टी जैसी मिट्टी तैयार की है। इनसे ये ईंटें बनाई गई हैं। आमतौर पर धरती पर पाई जाने वाली ईंटों की ताकत 10 से 20 मेगापास्कल के बीच होती है, लेकिन हमने जो ईंटें तैयार की हैं, उनकी ताकत 50 मेगापास्कल से भी ज्यादा है।

साउथ पोल पर चीन बनाएगा रिसर्च सेंटर

बता दें कि, चांद जैसा वातावरण बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने मिट्टी को ग्रेफाइट के सांचे में ढाला। फिर इन्हें पकाने के लिए वैक्यूम हॉट प्रेस फर्नेस में रखा गया। इससे ये ईंटें पत्थरों से भी ज्यादा सख्त हो गई हैं। चीन 2035 तक चांद के साउथ पोल पर रिसर्च सेंटर बनाना चाहता है, इसका नाम इंटरनेशनल लूनर रिसर्च स्टेशन होगा। अप्रैल तक चीन के अभियान में 10 से ज्यादा देश जुड़ चुके हैं। डिंग के मुताबिक, ये अंडे के आकार का होगा। इसे 3डी प्रिंट किया जाएगा या फिर संभव है कि रोबोट की मदद से चांद की मिट्टी का इस्तेमाल करके वहां घर बनाए जा सकें। दूसरा विकल्प यह है कि रोबोट वहां से ईंटें इकट्ठा करे और उन्हें पारंपरिक तरीके से पकाए। हमें उम्मीद है कि असली चांद की मिट्टी से बनी पहली ईंट 2028 में बनेगी।

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