India News (इंडिया न्यूज़), China-Taiwan Conflict, दिल्ली: रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया था तो पहले यूद्ध अभ्यास करके यूक्रेन को घेरा था फिर हमला किया था। कुछ ऐसा ही अब चीन भी ताइवान के साथ कर रहा है। पिछले हफ्ते 24 घंटे की अवधि में ताइवान के आसपास के पानी में रिकॉर्ड 16 चीनी युद्धपोत देखे गए। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। इससे पहले पिछले हफ्ते की शुरुआत में चीनी सेना की तरफ से किए गए अभ्यास में दर्जनों चीनी लड़ाकू विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा और ताइवान के एयर डिफेंस आईडेंटिफिकेशन जोन (ADIZ) के प्रमुख क्षेत्रों में उड़ान भरी।
सीएनएन की खबर के अनुसार, पिछले हफ्ते के मध्य में 72 घंटों में 73 पीएलए विमानों ने या तो ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया या द्वीप के एडीआईजेड के दक्षिणपूर्वी या दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में प्रवेश किया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ओर से अगस्त 2022 में द्वीप के आसपास पीएलए गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के बाद से शुक्रवार और शनिवार के बीच ताइवान के आसपास 16 चीनी जहाजों की संख्या अब तक सबसे ज्यादा थी।
विश्लेषक और यूएस पैसिफिक कमांड के जॉइंट इंटेलिजेंस सेंटर के पूर्व निदेशक कार्ल शूस्टर ने सीएनएन को बताया, ‘यह एक बढ़ता हुआ सैन्य प्रयास है।’ उन्होंने कहा कि मिलिट्री ऑपरेशन्स से संकेत मिलता है कि बीजिंग के प्रयास दोहरे हैं। शूस्टर ने बताया, ‘पहला, द्वीप के चारों ओर लगातार पीएलए की गतिविधियां उसे संभावित हमले की तैयारी में मदद कर रही हैं और दूसरा, वह ‘उस पल’ के लिए अभ्यास, रिहर्सल और ट्रेनिंग कर रहा है।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान को अपना क्षेत्र बताती है, हालांकि द्वीप कभी उनके नियंत्रण में नहीं था। चीन दशकों से ताइवान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है और इसे वापस मेनलैंड चाइना में मिलाने के लिए बल प्रयोग से भी इनकार नहीं कर रहा है। शूस्टर ने कहा कि उनका अनुमान है कि चीन ताइवान पर दबाव बढ़ाएगा और आने वाले समय में हमें और अधिक अभ्यास देखने को मिलेंगे।
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