इंडिया न्यूज, वाशिंगटन:
यदि आपकों कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने का समय पूरा हो गया है और यदि अभी तक आपने वैक्सीन नहीं ली है तो जल्द से जल्द लगवा लें, क्योंकि दोनों डोज ले चुके लोगों में कोरोना से होने वाली मौतों का खतरा 11 गुना तक कम हो जाता है। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिेएंट के आम हो जाने के बाद दोनों डोज ले चुके लोगों में कोरोना से मरने की संभावना 11 गुना कम थी जबकि उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 10 गुना कम थी।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों द्वारा प्रकाशित तीन नए पत्रों में से एक से यह डाटा सामने आया है, जिनमें संक्रमण से लड़ने के लिए टीकाकरण की प्रभावशीलता को रेखांकित किया गया है। अध्ययन में मॉडर्न वैक्सीन को डेल्टा वेरिएंट पर सबसे ज्यादा प्रभावशाली बताया गया है, हालांकि इसके कारणों को अच्छी तरह समझाया नहीं गया है।
सीडीसी के निदेशक रोशेल वालेंस्की ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि हमारे अध्ययनों में यह बात साबित हो चुकी है कि टीकाकरण काम करता है। पहले अध्ययन ने 4 अप्रैल से 19 जून तक 13 अमेरिकी न्यायालयों में सैकड़ों मामलों की जांच की, यह कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के प्रभावी होने से पहले की अवधि थी, और उनकी तुलना 20 जून से 17 जुलाई के बीच सामने आए मामलों से की गई, जब डेल्टा के मामले सामने आए।
इस समय दोनों डोज ले चुके लोगों में कोरोना से संक्रमित होने की संभावना 11 गुना कम थी। वही, एक अन्य अध्ययन में सामने आया कि कोरोना से संक्रमित मरीज को अस्पताल में भर्ती होने से बचाने मॉडर्न 95 प्रतिशत, फाइजर 80 प्रतिशत और जॉनसन एंड जॉनसन 60 प्रतिशत सफल रही। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मॉर्डन वैक्सीन अन्य वैक्सीन के मुकाबले ज्यादा असरकारक कैसे रही। इसे इसकी मात्रा से भी जोड़कर देखा जा रहा है जो 100 माइक्रोग्राम में दी जाती है जबकि अन्य वैक्सीन 30 माइक्रोग्राम में दी जाती है।