COVID-19 : Doubt’s eyes again on China
इंडिया न्यूज, वुहान
कोरोना की उत्पत्ति पर लगातार हो रहे खुलासों ने चीन को फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है। बता दें कि अमेरिका-आस्ट्रेलिया की जॉइंट साइबर सिक्योरिटी फर्म ने कोरोना के चीनी कनेक्शन को लेकर रिसर्च के आधार पर दावा किया है। दावे के मुताबिक चीन ने कोरोना महामारी के पहला केस की जो तिथि बताई थी, उससे एक महीने पहले ही वहां के एक प्रांत में कोरोना टेस्टिंग उपकरणों की बड़ी तादाद में खरीदी की गई।
COVID-19 : Doubt’s eyes again on China
आरटीपीसीआर टेस्ट को कोरोना जांच के लिए सबसे सही जांच माना जाता है। इसमें वैज्ञानिक सैंपल की स्क्रीनिंग कर इंफेक्शन का पता लगाते हैं। सबसे ज्यादा टेस्ट किट हूबेई के वुहान शहर में खरीदी गइें। चीन ने इस शहर में ही पहला कोरोना केस मिलने का दावा किया था। 31 दिसंबर, 2019 में चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को बताया था कि उन्हें वुहान में निमोनिया का एक अजीब केस मिला है।
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कई वैज्ञानिक मानते हैं कि किसी लैब की जगह वायरस के नेचुरल उत्पत्ति की आशंका ज्यादा है। कोरोना वायरस पर काम कर रहे स्क्रिप्स रिसर्च के वैज्ञानिक क्रिस्टन जी. एंडरसेन ने कहा है कि इबोला और दूसरे रोग जनक वायरस जानवरों से ही इंसानों में फैले, इन्हीं वायरस के जिनोम सीक्वेंस से ही कोरोना के फैलने के आसार सबसे अधिक हैं।