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Danger of Loneliness: अकेलापन दुनिया का सबसे बड़ा खतरा, WHO ने किया चौकाने वाला खुलासा

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : November 17, 2023, 11:55 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Danger of Loneliness: आज दुनिया में कई नये नये खतरे आ गये हैं जिसमे एक और नए खतरे से लोग कहीं ज्यादा जूझ रहे हैं जो कि वह अकेलापन, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी कर इसका ऐलान किया है। WHO ने अकेलेपन को एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बताया है। इसके साथ ही ये भी कहा है कि, आने वाले वक्त में बुजुर्गों और युवाओं के स्वास्थ्य पर इसका गहरा असर होगा। रिपोर्ट में सामने आया है कि, हर चार में से एक बुजुर्ग अकेलेपन के शिकार से ग्रसित है। WHO के रिपोर्ट के मुताबिक, अपर्याप्त संख्या में सामाजिक संपर्क होना औप लोगों से जुड़ाव महसूस न करना एक बड़ी समस्या बन रहा है। खासतौर से उच्च आय वाले देशों में बुजुर्ग इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इसका असर किसी एक पर नहीं बल्कि सभी आयु वर्ग के लोगों पर पड़ रहा है।

WHO एक नये आयोग का गठन करेगी 

WHO की तरफ से कराए गए शोध के मुताबिक, हर 4 में एक बुजुर्ग व्यक्ति अकेलेपन का शिकार है। इसके साथ ही पांच से 15 प्रतिशत किशोरों में सामाजिक अलगाव आम है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि, ये आंकड़े कम हैं। स्थिति इससे कहीं ज्यादा घातक है। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य निकाय ने सामाजिक कनेक्शन पर बढ़ावा देने के लिए एक नए आयोग के गठन करने को लेकर ऐलान किया है जो कि, सभी देशों में काम करेगा और लोगों का अकेलापन (Danger of Loneliness) दूर करने की कोशिश करेगा।

अकेलेपन से हृदय रोग का भी खतरा

वहीं, अध्ययनों से भी पता चलता है कि, सामाजिक जुड़ाव कमी से लोगों में धूम्रपान, ज्यादा शराब का सेवन, आलस, मोटापा, वायु प्रदूषण और तनाव भी एक गंभीर समस्या है। WHO की रिसर्च कहती है कि, सामाजिक अलगाव का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी एक गंभीर प्रभाव पड़ता है। अध्ययनों से पता चलता है कि, यह चिंता और अवसाद से जुड़ा हुआ है। हृदय रोग का खतरा भी 30 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।

स्वास्थ्य पर पड़ेंगे गंभीर परिणाम

WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि, दुनिया भर में सामाजिक अलगाव और अकेलेपन की उच्च दर के स्वास्थ्य और कल्याण पर गंभीर परिणाम होंगे। वहीं पर्याप्त मजबूत सामाजिक संबंधों के बिना लोगों को स्ट्रोक, चिंता, मनोभ्रंश, अवसाद, आत्महत्या समेत अन्य खतरे भी हैं। उन्होंने कहा कि, WHO आयोग वैश्वकि स्वास्थ्य प्राथमिकता के रूप में सामाजिक संबंध स्थापित करने और आशाजनक हस्तक्षेप साझा करने में यह मदद करेगा।

कैसे काम करेगा यह आयोग

बता दें कि, WHO की तरफ से गठित इस आयोग में अमेरिकी सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति और अफ्रीकी संघ के युवा दूत, चिडो मपेम्बा, के साथ ही 11 सदस्य होंगे। यह आयोग तीन साल तक सभी उम्र के लोगों के सामाजिक संपर्क बढ़ाने में काफी बड़ी भूमिका निभाएगा। वहीं बड़े पैमाने पर सामाजिक संबंध बनाने के लिए समाधानों की रूपरेखा तैयार करेगा। इसके साथ ही आयोग ये भी तय करेगा कि, प्रमुख समुदायों और समाज की भलाई के लिए सामाजिक कनेक्शन कैसे काम करते हैं।

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