India News (इंडिया न्यूज़), G-20 News, दिल्ली: दुनियाभर के नेताओं ने दिल्ली में चल रहे जी-20 समिट में अपनी बात रखी। सभी देशों की सहमित से नई दिल्ली घोषणापत्र भी जारी किया गया। रूस-यूक्रेन यूद्ध के बारे में भी इसमें लिखा गया। घोषणापत्र में बारें में कहा गया कि यूक्रेन में युद्ध के संबंध में, बाली में चर्चा को याद करते हुए, हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा (ए/आरईएस/ईएस-11/1 और ए/आरईएस/ईएस-11/6) में अपनाए गए अपने राष्ट्रीय पदों और प्रस्तावों को दोहराया और इस बात पर ज़ोर दिया कि सभी राज्यों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करना चाहिए।
घोषणापत्र आगे कहता कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप, सभी राज्यों को किसी भी राज्य की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ क्षेत्रीय अधिग्रहण की धमकी या बल के उपयोग से बचना चाहिए। परमाणु हथियारों का उपयोग या उपयोग की धमकी अस्वीकार्य है।
G-20 News
घोषणापत्र में काला सागर गेहूं संधि के बारे में कहा गया कि हम विश्व बाजारों में रूसी खाद्य उत्पादों और उर्वरकों को बढ़ावा देने पर रूसी संघ और संयुक्त राष्ट्र के सचिवालय के बीच समझौता ज्ञापन और अनाज और खाद्य पदार्थों के सुरक्षित परिवहन पर पहल सहित तुर्किये और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले इस्तांबुल समझौतों के प्रयासों की सराहना करते हैं।
New Delhi G-20 Leaders' Summit Declaration: "Concerning the war in Ukraine, while recalling the discussion in Bali, we reiterated our national positions and resolutions adopted at the UN Security Council and the UN General Assembly (A/RES/ES-11/1 and A/RES/ES-11/6) and… pic.twitter.com/RBqXlmeYIh
— ANI (@ANI) September 9, 2023
पत्र आगे कहता है, यूक्रेनी बंदरगाहों से और रूसी संघ और यूक्रेन से अनाज, खाद्य पदार्थों और उर्वरकों/इनपुट की तत्काल और अबाधित डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए उनके पूर्ण, समय पर और प्रभावी कार्यान्वयन का आह्वान किया। विकासशील और अल्प विकसित देशों, विशेषकर अफ़्रीका में मांग को पूरा करने के लिए यह आवश्यक है।
बैठक के बाद हुई प्रेंस कांफ्रेस में भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की और माना कि यह अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए अधिक गंभीर खतरों में से एक है। काला सागर अनाज गलियारे पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर कहते ने कहा कि कई चर्चाएं चल रही हैं। रूस के विदेश मंत्री यहां हैं, तुर्की के राष्ट्रपति और उनका प्रतिनिधिमंडल यहां हैय़ संयुक्त राष्ट्र महासचिव यहां हैं, अन्य लोग यहां हैं तो यह स्वाभाविक है कि इस पर चर्चा चल रही होगी।
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