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India News(इंडिया न्यूज),Google: अमेरिका में गूगल को लेकर बातें तेज हो गई। क्योंकि अमेरिकी न्याय विभाग ने एक गूगल पर एक बड़ा आरोप लगाया है कि, गूगल इंटरनेट सर्च इंजन के क्षेत्र में अपने एकाधिकार के जरिये अनुचित लाभ हासिल कर रहा है और गूगल ने प्रतिस्पर्धियों को बाहर करने और नवाचार को कुचलने के लिए इंटरनेट खोज बाजार में अपने प्रभुत्व का फायदा उठाया है।
इसके साथ ही न्याय विभाग के प्रमुख याचिकाकर्ता केनेथ डिंटजर का इस मामले को लेकर कहना है कि, यह मामला इंटरनेट के भविष्य के बारे में है और इससे तय होगा कि गूगल को खोज इंजन को कभी सार्थक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि, न्याय विभाग द्वारा लगाए गए इस आरोप को देखते हुए जानकारी ये सामने आ रही है कि, गूगल पर अगर ये आरोप साबित होते है तो यह गूगल के खिलाफ अबतक का सबसे बड़ा मामला हो सकता है।
आगे की जानकारी सामने आई है कि, नियामकों ने गूगस पर आरोप लगाया है कि, यदि डिवाइस निर्माता एंड्रॉइड ऐप स्टोर तक पूर्ण पहुंच चाहते हैं, जिसके बदले गूगल ने स्मार्टफोन के लिए अपने खोज इंजन को अपने एंड्रॉइड सॉफ्टवेयर के साथ बंडल करने को जरूरी बनाकर बाजार में अपने पक्ष में अवैध रूप से धांधली की है।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, अब अगले 10 सप्ताह तक अमेरिका के संघीय वकील और राज्य अटॉर्नी जनरल यह साबित करने का प्रयास करेंगे कि गूगल ने कई जगहों और उपकरणों में अपने खोज इंजन को डिफॉल्ट विकल्प के रूप में लॉक करके बाजार में अपने पक्ष में धांधली की है। मामले की सुनवाई कर रहे भारतवंशी अमेरिकी जिला न्यायाधीश अमित मेहता अगले साल की शुरुआत तक इस मामले में कोई फैसला नहीं सुनाएंगे। हालांकि, अगर वे यह फैसला देते हैं कि गूगल ने कानून तोड़ा है, तो एक और सुनवाई होगी, जिसके बाद गूगल के खिलाफ सजा तय होगी।
गूगल पर लगे इस बड़े आरोप के बाद खबर ये सामने आ रही है कि, भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई इस केस संबंधित सुनवाई में भी शामिल होने की संभावना है, जो चार साल पहले गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज के उत्तराधिकारी बने थे। अदालती दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि एप्पल के एक उच्च पदस्थ अधिकारी एड्डी क्यू को भी गवाही के लिए अदालत में बुलाया जा सकता है।
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