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India News (इंडिया न्यूज),Donald Trump:हालांकि न्यूयॉर्क कोर्ट ने पहले ही साफ कर दिया है कि ट्रंप को जेल नहीं भेजा जाएगा, लेकिन सजा क्या होगी, यह कोई नहीं जानता। कोर्ट द्वारा दी गई सजा डोनाल्ड ट्रंप के राजनीतिक करियर को प्रभावित कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सजा का इस्तेमाल उनकी छवि खराब करने के लिए किया जा सकता है।
इस सजा को रुकवाने के लिए ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट के नौ में से पांच जजों ने फैसला सुनाया कि न्यूयॉर्क कोर्ट ट्रंप को सजा सुना सकता है। ट्रंप के समर्थन में फैसला सुनाने वाले जजों में जस्टिस सैमुअल एलिटो भी शामिल हैं, जिनका नाम विवादों में है।
सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट के जज सैमुअल एलिटो और ट्रंप के बीच बातचीत की खबर ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। जस्टिस एलिटो ने माना है कि उन्होंने ट्रंप से फोन पर बात की थी।जस्टिस एलिटो ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने ट्रंप को उनके एक पुराने स्टाफ की नौकरी के लिए लॉबिंग करने के लिए फोन किया था। इस विवाद के बावजूद जस्टिस एलिटो ने ट्रंप के पक्ष में फैसला सुनाया।
ट्रंप के लिए यह फैसला काफी अहम है क्योंकि दस दिन बाद यानी 20 जनवरी को वह दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं। अगर सजा से उनकी छवि और कानूनी हैसियत पर असर पड़ता है तो उनका राष्ट्रपति बनना मुश्किल हो सकता है। अमेरिकी इतिहास में यह पहली बार है जब किसी निर्वाचित राष्ट्रपति को दोषी ठहराया जाएगा। अभी यह साफ नहीं है कि कोर्ट द्वारा दी गई सजा का उनके शपथ ग्रहण पर कोई असर होगा या नहीं। क्या है बाइडेन की मंशा? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बाइडेन प्रशासन ट्रंप को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता।
राष्ट्रपति ट्रंप ने जज पर राजनीतिक एजेंडे के तहत काम करने का आरोप भी लगाया है। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति बाइडेन जाने से पहले ही ट्रंप के खिलाफ अपनी आखिरी कोशिशों में लगे हुए हैं। अगर सजा के नाम पर ऐसा कुछ होता है तो ट्रंप समर्थकों और विरोधियों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। क्या होगा ट्रंप का अगला कदम? सजा सुनाए जाने के बाद ट्रंप के पास अपील का विकल्प होगा। वह शपथ लेने से पहले इस फैसले को चुनौती देकर अपना नाम साफ करने की कोशिश करेंगे। ट्रंप इसे अपने पक्ष में राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की भी हरसंभव कोशिश करेंगे।
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