Hindi News / International / Imrans Talibani

Imran's Talibani सुर ये समय उन्हें छोड़ने का नहीं

इंडिया न्यूज, दुशांबे:Imran’s Talibani तजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे में भारत, पाकिस्तान, चीन समेत की आठ देशों की सदस्यता वाले शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। यहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर अपना तालिबानी सुर दिखाया है। इमरान ने तालिबानी निजाम के लिए मदद की गुहार लगाई। उन्होंने […]

BY: India News Editor • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

इंडिया न्यूज, दुशांबे:Imran’s Talibani

तजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे में भारत, पाकिस्तान, चीन समेत की आठ देशों की सदस्यता वाले शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। यहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर अपना तालिबानी सुर दिखाया है। इमरान ने तालिबानी निजाम के लिए मदद की गुहार लगाई।

उन्होंने कहा, पिछली अफगानिस्तान सरकार भी 75 फीसद अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर थी। यह समय अफगानिस्तान को अलग छोड़ने का नहीं है। एससीओ शिखर सम्मेलन में इमरान खान ने अपने भाषण में पाकिस्तान को सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का शिकार बताया। साथ ही सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय लंबित विवादों का निपटारा न होने को भी शांति के लिए समस्या बताया।

यूक्रेन तक ही नहीं रोकेंगे पुतिन , जंग खत्म होते ही इस देश पर हमला करेगी रूसी सेना, हो गया बड़ा खुलासा

Imran’s Talibani sur this is not the time to leave him

Also Read Prepaid Sim To Postpaid अब करवाना हुआ आसान 

इमरान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने वीसी से सम्मेलन को संबोधित किया था। पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के हाल के घटनाक्रमों का उल्लेख किया और कहा कि संगठन के सदस्य देशों को ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी को क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए कहा कि इन समस्याओं के मूल में कट्टरपंथी विचारधारा है।

उन्होंने कहा कि एससीओ की 20वीं वर्षगांठ इस संस्था के भविष्य के बारे में सोचने के लिए भी उपयुक्त अवसर है। मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित हैं और इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ती कट्टरता है। अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम ने इस चुनौती को और स्पष्ट कर दिया है

Connect Us : Twitter Facebook

Tags:

Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue