Hindi News / International / In 1970s Population Of Hindus And Sikhs In Afghanistan Was Two Lakh In 2020 Its Number Has Decreased To Just Fifty Hindus And About 650 Sikhs

इस मुस्लिम देश पर चलता था हिंदुओं का राज, आज सिर्फ 50 बचे, बाकियों के साथ जो हुआ उसे सुनकर कांप जाएगी रूह

Hindu Population In Afghanistan: 1970 के दशक में अफगानिस्तान में हिंदुओं-सिखों की आबादी 2 लाख थी। 2020 में इसकी संख्या घटकर हिंदुओं की आबादी सिर्फ 50 और सिखों की संख्या लगभग 650 रह गई है।

BY: Sohail Rahman • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Hindu Population In Afghanistan: अफगानिस्तान दक्षिण एशिया में स्थित एक ऐसा देश है, जो पूरी तरह से जमीन से घिरा हुआ है। वर्ल्ड मीटर्स की रिपोर्ट के अनुसार इसकी कुल जनसंख्या 43,021,111 है। इतिहासकारों के बीच इस बात की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि, अफगानिस्तान में हिंदू धर्म कब और कैसे आया। हालांकि इस बारे में कुछ इतिहासकारों का मानना ​​है कि, हिंदू कुश क्षेत्र सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित है, जो भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन संस्कृति का हिस्सा है। पांचजन्य की रिपोर्ट के अनुसार, 1970 के दशक में अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदाय काफी  संख्या में था। उस समय हिंदुओं-सिखों की आबादी 2 लाख थी। इस संख्या को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि, अफगानिस्तान में हिंदू संस्कृति और धर्म की समृद्ध विरासत थी।

1980 के दशक में सक्रिय था हिंदू व्यापारिक समुदाय

अगर हम 1980 के दशक की बात करें तो अफगानिस्तान में हिंदू व्यापारिक समुदाय भी सक्रिय था, जो व्यापार और व्यवसाय के जरिए समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा था। लेकिन 1990 के दशक में तालिबान शासन के दौरान धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा दिया गया, जिसके कारण कई हिंदू और सिख देश छोड़ने पर मजबूर हुए। परिणामस्वरूप 2020 तक अफगानिस्तान में हिंदुओं की संख्या घटकर सिर्फ 50 रह गई, जबकि सिखों की संख्या लगभग 650 थी। अगर हम पिछले 30 सालों के आंकड़े उठाकर देखें तो अफगानिस्तान के लगभग 99 प्रतिशत हिंदू और सिख देश छोड़कर चले गए हैं। 

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Hindu Population In Afghanistan (अफगानिस्तान में अभी बचे मात्र 50 हिंदू)

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हिंदू ग्रंथों में भी है अफगानिस्तान का जिक्र

2000-1500 ईसा पूर्व के बीच वर्तमान अफगानिस्तान के इंडो-आर्यन लोग हिंदू धर्म का पालन करते थे। छठी शताब्दी तक अफगानिस्तान एक हिंदू और बौद्ध बहुल देश था। सातवीं शताब्दी तक अफगानिस्तान अविभाजित भारत का हिस्सा हुआ करता था। अफगानिस्तान के प्राचीन नामों की बात करें तो इनमें पख्तिया, खुरासान, आर्यानुम्र विजु और रोह शामिल हैं। अफगानिस्तान में गांधार, कुंभा, वर्णु, सुवास्तु जैसे शहर थे। महाभारत और अन्य हिंदू ग्रंथों में भी अफगानिस्तान के गांधार महाजनपद का उल्लेख मिलता है। गांधारी, गुरु गोरखनाथ और संस्कृत के विद्वान पाणिनि का जन्म प्राचीन अफगानिस्तान में हुआ था। आज भी वहां हिंदू नामों वाले स्थान पाए जाते हैं। जैसे कनिष्क, वेद, आर्यन, हिंदू-कुश आदि। अफगानिस्तान में इस्लामी आक्रमण के बाद हिंदू धर्म का प्रभाव कम हो गया और इस्लाम वहां सबसे बड़ा धर्म बन गया।

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