इंडिया न्यूज, Britain News (Inflation in Britain):
अमेरिका के बाद ब्रिटेन में भी महंगाई ने 40 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। ब्रिटेन में महंगाई दर मई में 9.1 प्रतिशत पर पहुंच गई, जोकि 40 वर्ष का उच्चतम स्तर है। यहां अप्रैल के मुकाबले मई में मुद्रास्फीति बढ़ी है। ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 9 प्रतिशत से थोड़ी बढ़ गई, जो वर्ष 1982 के बाद का सबसे उच्च स्तर है।
ब्रिटेन के मुख्य अर्थशास्त्री ग्रांट फिट्जनर ने कहा कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार उछाल आना और पेट्रोल की रिकॉर्ड कीमतों से महंगाई की मार पड़ रही है। हालांकि कपड़ों की कीमतों में पिछले साल की तुलना में कम महंगाई बढ़ी है। लेकिन बाकी रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम बढ़ने से आम जनता पर महंगाई का खासा असर हुआ है।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में मौजूदा महंगाई दर विश्लेषकों के अनुमान के अनुरूप है। वहीं, बैंक आफ इंग्लैंड ने कहा कि देश में महंगाई दर अक्टूबर के दौरान 11 प्रतिशत तक जा सकती है।
इस बार महंगाई सिर्फ एशिया में ही नहीं, बल्कि यूरोप से लेकर साधन संपन्न्न और दुनिया की महाशक्ति कहे जाने वाले अमेरिका में महंगाई चरम पर है। महंगाई ने अमेरिका में भी 40 साल का रिकार्ड तोड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में मुद्रास्फीति दर 8.6 फीसदी तक पहुंच चुकी है जोकि 40 साल का उच्च स्तर है। मई माह में गैस, खाद्य पदार्थों और अधिकांश अन्य वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में भारी उछाल दर्ज किया गया है।
वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 के अंत तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था हल्की मंदी की चपेट में आ सकती है। इसका मुख्य कारण फेडरल रिजर्व द्वारा कीमतों को कम करने के लिए लगातार दरें बढ़ाना है। यह अनुमान नोमुरा होल्डिंग्स इंक के अर्थशास्त्रियों ने लगाया है।
20 जून को एक नोट में नोमुरा के अर्थशास्त्री आइची अमेमिया और रॉबर्ट डेंट ने लिखा कि धीमी विकास गति और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए फेड ने रेट हाइक किए हैं। इस कारण 2022 की चौथी तिमाही में शुरू होने वाली हल्की मंदी के आने की अब अधिक संभावना है।
नोमुरा ने चेताया है कि वित्तीय स्थिति और टाइट हो जाएगी। कंज्यूमर सेंटीमेंट डाउन हो रहा है। खराब हो चुकी एनर्जी व फूड सप्लाई स्थिति को और खराब कर रही है। इससे ग्लोबल ग्रोथ आउटलुक बिगड़ गया है। नोमुरा विश्लेषकों ने अपने नोट में लिखा है कि 2022 तक मासिक मुद्रास्फीति के ऊंचे रहने की संभावना है।
हमारा मानना है कि मंदी के लिए फेड की प्रतिक्रिया शुरू में मौन होगी। ऐसी प्रबल आशंका है कि चल रही रेट हाइक 2023 में भी जारी रहेगी। मार्च में 3.75-4.00 प्रतिशत के पिछले पूवार्नुमान की तुलना में फरवरी में ब्याज दर 3.50-3.75 प्रतिशत पहुंच गई।
ये भी पढ़ें : बफेट पावर लंच, अरबपति के साथ 150 करोड़ में मिला लंच करने का मौका
ये भी पढ़े : आईटी और मेटल सेक्टर ने बाजार में भरा दम, सेंसेक्स 550 अंक उछला
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
ये भी पढ़े : सेंसेक्स की टॉप 10 कंपनियों की मार्केट कैपिटल 3.91 लाख करोड़ घटी, सबसे ज्यादा नुकसान टीसीएस को
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.