इंडिया न्यूज, Iran Hijab Protest : हिजाब विरोध का सामना कर रहा ईरान इस समय आग से झुलस रहा है। प्रदर्शन के दौरान भीड़ अब बेकाबू होते जा रही है। इस दौरान भीड़ ने एक पुलिस चीफ की हत्या कर दी। इस अधिकारी का नाम कर्नल अब्दल्लाही है। कुर्दिस्तान के मारिवान में पुलिस उन्हीं के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आॅपरेशन चला रही थी। लोगों के मन में भी अब पुलिस का खौफ कम होता जा रहा है।
Iran Hijab Protest
दरअसल, 22 साल की महसा अमिनी की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद लोगों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। महसा की मौत के बाद से शुरू हुए प्रदर्शनों में अब तक 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ईरान में 16 सितंबर से चल रहे प्रदर्शनों में रविवार तक 133 लोगों की मौत हो चुकी है। बताया गया है कि कर्नल अब्दल्लाही के नेतृत्व में ही प्रदर्शनकारियों को मारा जा रहा था। इसी कारण अब्दल्लाही को प्रदर्शनकारियों की मौत का बदला लेने के लिए मारा गया है।
इससे पहले भी सिस्तान और बलोचिस्तान प्रांत की राजधानी जाहेदान में बलोच प्रदर्शनकारियों ने कफॠउ के टॉप अफसर की हत्या कर दी थी। यहां पुलिस कमांडर पर एक 15 साल की बलोच लड़की से पूछताछ के बहाने रेप करने का आरोप लगा था, जिसके विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए। लोगों को रोकने के लिए पुलिस ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। बताया जा रहा है कि पुलिस की इस ताजा फायरिंग में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई है। इससे लोगों को गुस्सा और बढ़ गया।
ईरान में मानवाधिकार के लिए काम कर रहे लोगों को इस बात की आशंका लग रही है पुलिस चीफ की मौत के बाद ईरानी सेना नरसंहार पर उतारू हो सकती है। इस बारे मानवाधिकार समूह हेंगाव ने बताया है कि सभी कुर्द बहुल शहरों को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है।
लोगों पर एके-47 और शॉटगन्स से गोलियां चलाई जा रही हैं। वहीं नॉर्वे स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स समूह के मुताबिक, प्रदर्शनों में 133 प्रदर्शनकारियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन ये सिर्फ एक आंकड़ा बताया जा रहा है। असल में मरने वालों की असल संख्या इससे ज्यादा हो सकती है।
कई विश्लेषकों का कहना है कि ये युवा पीढ़ी बेखौफ है और पारंपरिक धार्मिक रूढ़िवादी विचारधारा से मुक्त हैं। युवा लड़कियों और महिलाओं ने हिजाब उतार दिया और अपने बाल तक काट दिए हैं। ये चलन बढ़ता ही जा रहा है। कई शहरों में प्रदर्शनकारी युवतियां अपने हिजाब जलाकर विरोध जता रही हैं।प्रदर्शनों के दौरान युवा धार्मिक और सामाजिक प्रतिबंधों का खुलकर उल्लंघन कर रहे हैं।
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