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India News (इंडिया न्यूज), Ismail Haniya Death: ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई। फिलिस्तीन के एक शरणार्थी शिविर में जन्मे इस्माइल हानिया प्रधानमंत्री भी रह चुके थे। उनकी इस हत्या को हमास के लिए बहुत बड़ी क्षति बताया जा रहा है। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर जानलेवा हमला किया था। जिसके बाद इजराइल ने गाजा पर हमला करना शुरू कर दिया। इन हमलों में हानियाके परिवार के कई सदस्य मारे गए हैं। इनमें उनके तीन बेटे, तीन पोते और बहन भी शामिल हैं।
हमास प्रमुख हानिया को शांत स्वभाव वाले हमास का व्यावहारिक नेता भी माना जाता था। उनका जन्म साल 1963 में गाजा के एक शरणार्थी शिविर में हुआ था। अमेरिका ने उन्हें साल 2018 में आतंकवादी घोषित किया था। इस्माइल हानिया का राजनीतिक झुकाव गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान हानिया मुस्लिम ब्रदरहुड की छात्र शाखा में शामिल हो गए थे। वह 1987 में हमास में शामिल हो गए, जिसका गठन इजरायली कब्जे के खिलाफ फिलिस्तीनी इंतिफादा के फैलने के बाद हुआ था, जो 1993 तक चला। इजरायल ने 1989 में हानिया को तीन साल के लिए कैद कर लिया। बाद में उन्हें अन्य हमास नेताओं के साथ इजरायल और लेबनान के बीच स्थित मरज अल-जुहुर में निर्वासित कर दिया गया, जहां वे एक साल तक रहे। निर्वासन के बाद हनिया गाजा लौट आए।
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बता दें कि, इस्माइल हानिया को साल 1997 में हमास आंदोलन के आध्यात्मिक नेता शेख अहमद यासीन के कार्यालय का प्रमुख नियुक्त किया गया था। इससे उनका दर्जा काफी बढ़ गया। हमास ने फरवरी 2006 में हानिया को फिलिस्तीनी प्राधिकरण का प्रधानमंत्री बनाया। लेकिन करीब एक साल के बाद फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण के प्रमुख महमूद अब्बास ने हानिया को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। हानिया ने उनकी बर्खास्तगी को असंवैधानिक बताया। इसके बाद हमास ने गाजा पर नियंत्रण कर लिया। मई 2017 में हानिया को हमास के राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख चुना गया था।
इस्माइल हानिया की हत्या के बाद ईरान ने देश की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक के दौरान खामेनेई ने इजरायल पर सीधा हमला करने का आदेश दिया। बता दें कि, ऐसी बैठक असाधारण परिस्थितियों में बुलाई जाती है। इससे पहले अप्रैल में ऐसी बैठक बुलाई गई थी, जब सीरिया में इजरायली हमले में ईरान के दो शीर्ष सैन्य कमांडर मारे गए थे।
इजरायली मीडिया संगठन चैनल ने खबर दी है कि इजरायल ने राजनयिक संपर्कों के जरिए ईरान को चेतावनी दी है। इजरायल ने कहा है कि अगर ईरान या उसके सहयोगी इजरायल पर किसी भी तरह का हमला करते हैं, तो इजरायल युद्ध लड़ने के लिए तैयार है।
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