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India News (इंडिया न्यूज), Israel Hamas War: 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर हमले के बाद से इजरायल जवाबी कार्यवाही में लगातार गाजा पर हमाई हमले कर रहा है। जिसमें अब तक 8000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इसी को लेकर यूनाइटेड नेशन में इजरायल-हमास जंग को रोकने के लिए एक प्रस्ताव लाया गया।
इस प्रस्ताव के तहत मानवीय आधार पर लोगों की जान को बचाने के मकसद से संघर्ष विराम की अलीप इजरायल से की गई थी भारत ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं की। भारतीय प्रतिनिधि दल ने इस प्रस्ताव से खुद को दूर रखने का फैसला किया।
भारत के इस कदम पर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की तरफ से पहली प्रतिक्रिया आई है। नेतन्याहू ने सोमवार को इस प्रस्ताव को बहुत सी गलतियों से भरा करार देते हुए कहा कि भारत और बाकी कोई भी सभ्य देश उस भयावहता को बर्दाश्त नहीं करेंगे, जो हमास ने की है।
इजरायल के पीएम नेतन्याहू से यह सवाल किया गया था कि इजरायल-हमास जंग के बीच भारत के रुख को आप कैसे देखते हैं? नेतन्याहू ने इस पर कहा, ‘ यूनाइटेड नेशन के प्रस्ताव में काफी खामियां थीं। मुझे यह जान कर दुख हुआ कि हमारे कई मित्र देश हमास की तरफ से जिस तरह की दरिंदगी की गई है, वो उसकी कड़ी निंदा करने से बचते दिखे। यह वह क्रूरता है जिसे आपका देश और बाकी अन्य कोई सभ्य देश हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे।‘ पीएम नेतन्याहू ने उम्मीद जताई कि बीते दिनों जो यूएन में हुआ है वह दोबारा नहीं होगा।
बता दें 27 अक्टूबर को यूनाइटेड नेशन (UN) यानी संयुक्त राष्ट्र महासभा में हमास और इजरायल के बीच रहे जंग को रोकने के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। इस प्रस्ताव के पक्ष में 120 वोट डाले गए। वहीं विपक्ष में 14 वोट डाले गए। विपक्ष में अमेरिका ने वोट किया। वहीं 6 अन्य देशों ने भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। वोटिंग में हिस्सा ना लेने वालों में भारत भी शामिल था।
इजरायल के पीएम ने युद्ध विराम के अनुरोध को ठुकराते हुए कहा, ‘यह युद्ध का समय है’ जो 9/11 और पर्ल हार्बर के आक्रमण के बाद अमेरिकी सैन्य कार्रवाई के समान है।’ बता दें कि साल 1941 में जापान ने पर्ल हार्बर में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया था। इसके बाद अमेरिका दूसरे विश्व युद्ध में कूद गया था। उन्होंने इसके बाद जापान पर परमाणु बम से हमला भी किया। इसी तर्ज पर 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन के खिलाफ कार्रवाई की।
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