India News (इंडिया न्यूज़), Israel-Hamas War: इजरायल ने रविवार, 21 अप्रैल को दक्षिणी गाजा शहर राफा पर एक बार फिर हमला किया जिसमें 14 बच्चों सहित 18 लोग मारे गए। इज़रायल ने राफा पर लगभग हर रोज हवाई हमले किए हैं। अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयम बरतने के आह्वान के बावजूद इजरायल ने मिस्र की सीमा पर स्थित शहर राफा में अपने जमीनी हमले का विस्तार करने की भी कसम खाई है। प्रतिनिधि सभा ने शनिवार को 26 अरब डॉलर के सहायता पैकेज को मंजूरी दे दी, जिसमें गाजा के लिए लगभग 9 अरब डॉलर की मानवीय सहायता शामिल है।
शव प्राप्त करने वाले कुवैती अस्पताल के अनुसार, पहले हमले में एक व्यक्ति, उसकी पत्नी और उनके 3 साल के बच्चे की मौत हो गई। अस्पताल ने कहा कि महिला गर्भवती थी और डॉक्टर बच्चे को बचाने में कामयाब रहे। अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार, दूसरे हमले में एक ही परिवार के 13 बच्चों और दो महिलाओं की मौत हो गई। एक रात पहले रफ़ा में हवाई हमले में छह बच्चों सहित नौ लोग मारे गए।
Israel-Hamas War
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इज़रायल-हमास युद्ध में 34,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। गाजा के दो सबसे बड़े शहर तबाह हो गए हैं और पूरे क्षेत्र का विनाश हो गया है। लगभग 80% आबादी अपने घरों से भागकर तटीय क्षेत्र के अन्य हिस्सों में चली गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि गाजा अकाल के कगार पर है।
जंग को अब तक करीब सात महीने हो गए हैं। इज़रायल और अमेरिका पूरे मध्य पूर्व में ईरान और इनसे जुड़े आतंकवादी समूहों के खिलाफ खड़े हो गए हैं। इस महीने की शुरुआत में इज़रायल और ईरान के बीच सीधे हमला हुआ, जिससे इनके बीच युद्ध की आशंका बढ़ गई। ईरान ने भी सैकड़ों मिसाइल इजरायल की ओर दागे थे।
गाजा में युद्ध 7 अक्टूबर को हमास के हमले के वजह से शुरू हुआ था जिसमें हमास और अन्य आतंकवादियों ने इजरायल के लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे, और लगभग 250 बंधकों बना लिया था।
वहीं गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युद्ध में कम से कम 34,049 फिलिस्तीनी मारे गए और 76,901 अन्य घायल हो गए। मंत्रालय अपनी गिनती में लड़ाकों और नागरिकों के बीच अंतर नहीं करता है लेकिन कहता है कि कम से कम दो-तिहाई बच्चे और महिलाएं हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि वास्तविक मृतकों की संख्या अधिक होने की संभावना है क्योंकि कई शव हवाई हमलों के कारण मलबे के नीचे फंसे हुए हैं या ऐसे क्षेत्रों में फंसे हुए हैं जो चिकित्सकों के लिए पहुंच योग्य नहीं हैं।