India News (इंडिया न्यूज), Israel Hamas War: हमास के खिलाफ चल रही जंग के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे देश की राजनीति में उबाल आ गया है। विपक्ष अब नेतन्याहू के पीछे पूरी ताकत से पड़ गया है। अटॉर्नी जनरल ने भी सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। दरअसल, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कैबिनेट ने सर्वसम्मति से देश की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार को हटाने का फैसला किया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब इजरायल कई दुश्मनों से युद्ध कर रहा है। विपक्षी दलों ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इसे राजनीतिक हितों से प्रेरित और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा भी बताया गया है। वहीं, इजरायल अपने भीतर के आंतरिक ‘विभाजन’ से खुश होगा।
शिन बेट को इजरायल में आधिकारिक तौर पर शाबाक(SHABAK) भी कहा जाता है। यह इजरायल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी है, जो देश में आतंकवाद, जासूसी और संगठित अपराध से निपटने के लिए जिम्मेदार है। इसकी स्थापना 1948 में हुई थी और यह सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है। शिन बेट मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों में काम करती है। इसका उद्देश्य आतंकवाद विरोधी अभियानों, घरेलू सुरक्षा और प्रति-खुफिया पर ध्यान केंद्रित करना है। शिन बेट का मुख्यालय इजरायल की राजधानी तेल अवीव में है। यह विशेष रूप से फिलिस्तीनी आतंकवादियों और अन्य सुरक्षा खतरों पर नज़र रखता है। इसकी गुप्त रणनीतियां और उच्च तकनीक क्षमताएं इसे दुनिया की सबसे प्रभावी सुरक्षा एजेंसियों में से एक बनाती हैं।
Israel Hamas War (नेतन्याहू ने शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार को पद से हटाया)
विपक्षी नेता एविगडोर लेबरमैन ने इजरायल सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि “नेतन्याहू वही कर रहे हैं जो हमारे दुश्मन चाहते हैं। आरोप लगाया कि नेतन्याहू को 7 अक्टूबर 2023 को हमास आतंकी संगठन द्वारा किए गए हमले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी और खुद इस्तीफा दे देना चाहिए था। इसके बजाय उन्होंने सुरक्षा प्रमुख को हटाकर उस पर आरोप मढ़ दिया। आरोप लगाया गया कि बार को हटाने का असली कारण ‘कतारगेट’ कांड की जांच को रोकना था। विपक्ष सरकार के इस फैसले को चुनौती देने की बात कर रहा है।
इजरायल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार ने शिन बेट के प्रमुख को उनके कार्यकाल पूरा होने से पहले ही बर्खास्त कर दिया है। बार को आधिकारिक तौर पर 10 अप्रैल तक पद छोड़ना था, लेकिन अगर नए प्रमुख का चुनाव पहले होता है तो वे इससे पहले भी पद छोड़ सकते हैं। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इजरायली खुफिया अधिकारी रोनेन बार ने कहा कि वे शिन बेट में सुधार के लिए सही व्यक्ति नहीं हैं। दावा किया कि 7 अक्टूबर 2023 की रात और बंधकों की रिहाई के दौरान उनकी कमज़ोरी साफ़ तौर पर दिखी।
नेतन्याहू ने यह भी कहा कि बार को हटाए जाने के बाद सूचना लीक में कमी आई और नई टीम ने बंधकों की बेहतर तरीके से वापसी सुनिश्चित की। इसराइल के अटॉर्नी जनरल गली बहराव-मीरा ने इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार को बार को हटाने से पहले सलाहकार समिति से मंजूरी ले लेनी चाहिए थी। बार ने खुद भी अपने पत्र में आरोप लगाया कि उनकी बर्खास्तगी हितों के टकराव और शिन बेट की स्वतंत्रता पर हमले से प्रेरित थी।