India News (इंडिया न्यूज), Israel Iran Conflict: इजरायल ने पिछले कुछ दिनों में लेबनान समर्थित हिजबुल्लाह पर ताबड़तोड़ हमले किए है। जिसकी वजह से हिजबुल्लाह के सारे टॉप कमांडर मारे जा चुके हैं। जिसमें हिबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और उसका उतराधिकारी सैफुदीन भी मारा जा चुका है। जिसके बाद से ही हिजबुल्लाह बैकफुट पर चला गया है। इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार (8 अक्टूबर) को एक नियमित ब्रीफिंग में बताया कि हिजबुल्लाह द्वारा मंगलवार को युद्ध विराम का आह्वान दर्शाता है कि आतंकवादी समूह पीछे हट गया है और पस्त हो रहा है।
दरअसल, हिजबुल्लाह के उप नेता नईम कासिम ने मंगलवार को एक टेलीविज़न संबोधन में कहा था कि ईरान समर्थित समूह की क्षमताएं बरकरार हैं और इसके लड़ाके हाल के हफ्तों में इज़रायल द्वारा किए गए दर्दनाक हमलों के बावजूद, इज़रायली ज़मीनी घुसपैठ को पीछे धकेल रहे हैं। कासिम ने आगे कहा कि समूह लेबनान के संसद अध्यक्ष नबीह बेरी, जो हिजबुल्लाह का सहयोगी है, के युद्ध विराम के प्रयासों का समर्थन करता है। हालांकि उन्होंने हिजबुल्लाह द्वारा मांगी गई किसी भी शर्त के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।
Israel Iran Conflict: इजरायली हमलों के बाद जान की भीख मांग रहा हिजबुल्लाह
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मिलर ने कहा कि एक साल तक, दुनिया भर से इस युद्ध विराम की मांग की गई। हिजबुल्लाह ने इस पर सहमति जताने से इनकार कर दिया, और अब जब हिजबुल्लाह पीछे हट गया है और उसे बुरी तरह से पीटा जा रहा है, तो अचानक उन्होंने अपना सुर बदल लिया है और युद्ध विराम चाहते हैं। मिलर ने आगे कहा कि हम अंततः इस संघर्ष का कूटनीतिक समाधान चाहते हैं। दरअसल, लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल के हमले ने कुछ लेबनानी राजनेताओं को दो साल के राष्ट्रपति पद के खालीपन को भरने के लिए नए सिरे से प्रयास करने के लिए प्रेरित किया है। जो बढ़ते संघर्ष से जूझ रहे देश को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है।