दरअसल, अमेरिका-फ्रांस ने इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध को रोकने के लिए बुधवार को तत्काल 21 दिन के युद्ध विराम की अपील की थी। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सऊदी अरब, यूएई, कतर समेत कई यूरोपीय देशों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। लेकिन इजरायल ने साफ कर दिया है कि वह हिजबुल्लाह के खिलाफ हमले जारी रखेगा। इस प्रस्ताव को लेकर हिजबुल्लाह की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
The Prime Minister’s Office:
The report about a ceasefire is incorrect. This is an American-French proposal that the Prime Minister has not even responded to.![]()
Israel–Hezbollah Conflict
The report about the purported directive to ease up on the fighting in the north is the opposite of the truth.
— Prime Minister of Israel (@IsraeliPM) September 26, 2024
दूसरी ओर, बुधवार को इजराइली हमले में लेबनान में 72 लोगों की मौत हो गई, 23 सितंबर से अब तक भारी बमबारी में 620 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजराइल के हाइफा में इजराइली सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया है। हालांकि, इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह के दावों की पुष्टि नहीं की है, इससे पहले आईडीएफ ने कहा था कि हिजबुल्लाह की ओर से 45 रॉकेट दागे गए।
लेबनान में इजराइली सेना की ओर से जमीनी हमले की आशंका के चलते दुनिया भर के देश सतर्क हो गए हैं। भारत ने पहले ही अपने नागरिकों से लेबनान की यात्रा न करने और तुरंत लेबनान से वापस लौटने को कहा है। चीन ने भी अपने नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर उन्हें लेबनान की यात्रा न करने की सलाह दी है। दूसरी ओर, तुर्की लेबनान से अपने नागरिकों को वापस लाने की तैयारी कर रहा है। तुर्की के रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि लेबनान से नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रारंभिक योजना तैयार की जा रही है।