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India News (इंडिया न्यूज), Indonesia Capital: पर्यावरण तेजी से बदल रहा है और इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं। कहीं भयंकर सूखा पड़ रहा है तो कहीं बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात हैं। समुद्र किनारे बसे कई शहरों पर जलस्तर बढ़ने से डूबने का खतरा मंडरा रहा है। इस खतरे का सबसे बड़ा शिकार इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता हुई है। जकार्ता की 40 फीसदी जमीन समुद्र तल में चली गई है, जिसके कारण यहां के लोगों के घरों के डूबने का खतरा मंडरा रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह शहर कुछ सालों में डूब जाएगा। लेकिन ऐसा होने से पहले इंडोनेशिया की सरकार एक बड़ी योजना पर काम कर रही है। इस योजना के तहत जकार्ता के करीब 20 लाख निवासियों को करीब 1400 किलोमीटर दूर नुसंतारा में बसाया जाएगा। अपनी राजधानी को डूबता देख इंडोनेशिया की सरकार ने 2019 में ही नई राजधानी बनाने का फैसला किया था। इसका काम इतनी तेजी से हो रहा है कि इस साल अक्टूबर में पहला बैच इस नए शहर में शिफ्ट हो जाएगा। बन रही नई राजधानी ग्लोबल वार्मिंग के संकट से बचने के लिए इंडोनेशिया नई राजधानी बना रहा है। जकार्ता से करीब 1400 किलोमीटर दूर बोर्नियो के पूर्वी तट पर एक नया शहर बनाया जा रहा है। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 30 बिलियन डॉलर है और इसे पूरा होने में 2045 तक का समय लग सकता है।
नुसंतारा को भविष्य के शहर के तौर पर बनाया जा रहा है। द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नुसंतारा 1,000 वर्ग मील में फैला हुआ है, लेकिन इसके बावजूद यह शहर सिर्फ 216 वर्ग मील में बसाया जा रहा है। भविष्य में जरूरत पड़ने पर इसका विस्तार किया जाएगा। इंडोनेशियाई सरकार इस शहर को स्मार्ट बनाने के लिए यूटोपियन स्टाइल डिजाइन के साथ बना रही है। इस शहर में सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति होगी।
बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति विडोडो ने नुसंतारा के निर्माण को शुरू करने के लिए करीब 100,000 कर्मचारियों को भेजा है और जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या 150,000 से 200,000 के बीच बढ़ाई जा सकती है। काम इतनी तेजी से चल रहा है कि 2024 के अंत तक लोग इसमें शिफ्ट होने लगेंगे।
प्रोजेक्ट की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, 2022 से जंगल में सड़कों का जाल बिछा दिया गया है। ताकि सरकारी सुविधाओं और अन्य कार्यालयों का निर्माण शुरू हो सके। शुरुआत में इस शहर की आबादी करीब 500,000 रहने की उम्मीद है।
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