India News (इंडिया न्यूज), Saudi Arabia Liquor Store: सऊदी अरब में 70 सालों में पहली बार शराब की दुकान खोली गई है। शराब की दुकान में बुधवार को पहली बार गैर-मुस्लिम राजनयिकों को शराब खरीदने के लिए स्वागत किया गया। हालांकि, देश में नागरिकों के लिए अभी भी शराब प्रतिबंधित है। दरअसल, सऊदी अरब में शराब हमेशा से प्रतिबंधित नहीं रही है। इसके पीछे एक कहानी है। आइए जानते हैं कैसे सऊदी अरब में शराब पर प्रतिबंध लगा।
सऊदी अरब के संस्थापक राजा, राजा अब्दुलअज़ीज़ ने 1951 में देश में शराब प्रतिबंध लागू किया था। जब उनके बेटे ने एक पार्टी में भाग लेने के दौरान नशे में ब्रिटिश नागरिक और उप-वाणिज्य दूत सिरिल उस्मान की गोली मारकर हत्या कर दी थी। प्रिंस मिशारी को हत्या का दोषी ठहराया गया और 2000 में उनकी मृत्यु हो गई। सऊदी अरब में शराब अधिकांश आबादी इस्लाम धर्म का पालन करती है और अधिकांश मुसलमान शराब पीने से परहेज़ करते हैं।
स्टोर गैर-राजनयिकों के लिए नहीं है और 1950 के दशक से नागरिकों पर लागू शराब प्रतिबंध को रद्द नहीं करता है। सऊदी अरब के अलावा कई सारे देश है जो शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हैं। कुवैत ने 1965 से देश के भीतर सभी प्रकार की शराब की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद कुवैत के लोगों ने इत्र और मलाई पीना शुरू कर दिया। जिसकी वजह से कई सारे लोग काल के गाल में समा गए।
सोमालिया और ब्रुनेई में, सार्वजनिक स्थान पर शराब का सेवन अवैध है। हालांकि गैर-मुस्लिम और विदेशी मेहमान निजी तौर पर शराब पी सकते हैं। सोमालिया ने 2021 में शराब से संबंधित अपराधों के लिए अपनी सजा तीन गुना कर दी है। लीबिया, बांग्लादेश और ईरान जैसे कुछ अन्य देशों में, शराब कानून के खिलाफ है, लेकिन भूमिगत बिक्री, सीमा पार तस्करी और घर में शराब का उत्पादन कथित तौर पर आम है।
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