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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Malala Yousafzai: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लू एचओ) के अनुसार, दुनिया में 34 मिलियन बच्चों को श्रवणबाधा (हियरिंग लॉस) है। अगर श्रवणबाधित बच्चों को हियरिंग हेल्थ केयर और सहयोग जल्दी मिल जाएं, तो वे बोल सकते हैं, संवाद कर सकते हैं, सीख सकते हैं और विकसित हो सकते हैं। शिक्षा प्राप्त करने और अपनी पूरी क्षमता पहचानने की उनकी योग्यंता में महत्व पूर्ण सुधार हो सकता है।
विश्व की सबसे कम उम्र की नोबल शांति पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई (Malala Yousafzai) द्वारा संस्थापित मलाला फंड और हियरिंग हेल्थ पर काम करने वाले गैर-लाभकारी कॉकलियर फाउंडेशन ने एक भागीदारी की है। यह भागीदारी उन बाधाओं पर जागरूकता बढ़ाने के लिये है, जो श्रवणबाधा से पीड़ित लाखों बच्चों और नौजवानों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा लेने से रोकती हैं।
उनकी भागीदारी यह सुनिश्चित करने के लिये है कि श्रवणबाधा वह एक और कारण न बने, जिससे लड़कियां, हाशिये पर खड़े लोग और हियरिंग हेल्थहकेयर और सहयोग की जरूरत वाले लोग पीछे छूट जाएं। इस भागीदारी को लॉन्च, करने के लिये बनाये गये इस खास वीडियो में मलाला युसुफजई (Malala Yousafzai) ने कहा, “हियरिंग लॉस वाले सभी बच्चों को मेरा संदेश यह है कि आप अपना कोई भी सपना पूरा कर सकते हैं।”
मलाला (Malala Yousafzai) ने आगे कहा कि “हां, हो सकता है कि कुछ चीजें हमें रोकें और इसलिये हमारे लिये यह थोड़ा कठिन हो सकता है। और मैं निजी तौर पर इस बात को समझ सकती हूं, क्योंकि मैं बायें कान से नहीं सुन पाती हूं और कॉकलियर इंप्लांट्स का इस्तेमाल करती हूं। लेकिन आप इसके योग्य हैं। आप दूसरों की तरह समान अवसर पाने के योग्य हैं।”
अगर श्रवणबाधा वाले बच्चों को सही समय पर हियरिंग हेल्थककेयर और सहयोग न मिले, तो वे अक्सर स्कूल में अच्छा् प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, उनका स्कूल छोड़ने का जोखिम ज्यादा रहता है और उच्च शिक्षा पाने की संभावना कम हो जाती है। यह समस्या विश्व के कई भागों में और भी बढ़ जाती है, जहां लाखों बच्चे, खासकर लड़कियाँ शिक्षा में पहले से बाधाओं का सामना कर रही होती हैं।
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