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India News (इंडिया न्यूज), Middle East Tension: मिडिल ईस्ट में चल रहा संघर्ष अब वैश्विक स्तर पर भी दिखने लगा है। जहां कई देश इजरायल का साथ दे रहे हैं, तो कई देश ईरान, हमास और हिजबुल्लाह की तरफ से खड़े हैं। हालांकि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कई बार साफ तौर पर कई बार कहा है कि हमारा कोई साथ दे या ना दे, इजरायल अपनी लड़ाई अकेला लड़ेगा। इस बीच इजरायल को एक और पश्चिमी देश ने झटका दिया है। दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शनिवार (5 अक्टूबर) को कहा कि राजनीतिक समाधान खोजने के व्यापक प्रयास के तहत गाजा में संघर्ष में इस्तेमाल किए गए हथियारों की खेप रोक दी जानी चाहिए।
बता दें कि, रक्षा मंत्रालय की वार्षिक हथियार निर्यात रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस इजरायल के लिए प्रमुख हथियार प्रदाता नहीं है। जिसने पिछले साल 30 मिलियन यूरो ($33 मिलियन) मूल्य के सैन्य उपकरण भेजे थे। मैक्रों ने फ्रांस इंटर रेडियो से कहा कि मुझे लगता है कि आज प्राथमिकता राजनीतिक समाधान पर वापस जाना है। उन्होंने आगे कहा कि गाजा में लड़ाई के लिए इस्तेमाल किए गए हथियारों को रोका जाए। फ्रांस कोई भी खेप नहीं भेजता है।उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता अब तनाव को बढ़ाना टालना है। साथ ही इस बदले में लेबनान के लोगों की बलि नहीं दी जानी चाहिए, लेबनान दूसरा गाजा नहीं बन सकता।
दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों का यह बयान ऐसे समय में आया है। जब उनके विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट मध्य पूर्व की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। जो सोमवार को इजरायल में समाप्त होगी, क्योंकि पेरिस राजनयिक प्रयासों को पुनर्जीवित करने में भूमिका निभाना चाहता है। बता दें पिछले कुछ दिनों में मध्य पूर्व के हालात और बिगड़ गए हैं। बता दें कि, कुछ दिनों पहले ईरान ने भी इजरायल पर हमला बोल दिया। जिसके बाद से इजरायली सेना बौखलाई हुई है।
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