संबंधित खबरें
जेल में बंद इमरान खान ने कर दिया खेला, हिल गई पाकिस्तान सरकार, शाहबाज शरीफ ने…
क्रिसमस से पहले ब्राजील में मची तबाही, मंजर देख कांप जाएंगी रूहें, कई लोगों की मौत
'यह यात्रा ऐतिहासिक थी…' जानें PM Modi के कुवैत यात्रा कैसे रही खास
रूस ने चलाया ऐसा ब्रह्मास्त्र, धुआं-धुआं हो गया यूक्रेनी सेना का तेंदुआ टैंक, वीडियो देख थर-थर कांपने लगे जेलेंस्की
सीरिया में विद्रोही संगठन करेंगे ये काम, ऐलान के बाद पुरी दुनिया में मचा हंगामा…इजरायल के भी उड़े होश
अब रामायण और महाभारत पढ़ेंगे मुसलमान ? PM Modi ने कुवैत पहुंच ऐसा क्या किया सदमे में आया पाकिस्तान…गाने लगा भारतीय पीएम की गुणगान
India News (इंडिया न्यूज़), Myanmar Civil War: म्यांमार गृह युद्ध से जूझ रहा है। खबर के मुताबिक पूर्वी राज्य कयाह में सेना की एक पूरी टुकड़ी पाला बदल कर विद्रोहियों के साथ मिल गई है। इसे स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन काउंसिल (एसएसी) के नाम से देश की सरकार चला रही सेना के लिए एक बड़ा झटका माना गया है गृह युद्ध का सबसे ज्यादा गंभीर रूप नस्लीय अल्पसंख्यकों के प्रभाव वाले इलाकों में देखने को मिला है। कयाह राज्य में बॉर्डर गार्ड फोर्सेस (बीजीएफ) की दो बटालियनों ने पाला बदल लिया। वेबसाइट एशिया टाइम्स पर छपी एक विस्तृत रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों बटालियों में मुख्य रूप से करेननी अल्पसंख्यक नस्लीय समुदाय से आने वाले सैनिक शामिल थे। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जून में अपने घातक हमलों से विद्रोही गुटों ने दिखाया कि वे कई मोर्चों पर एक साथ लड़ने में सक्षम हैं। इससे एसएसी की चिंताएं बढ़ गई हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक जून में हुए हमलों ने इस समझ को भी गलत साबित कर दिया कि वायु सेना की ताकत साथ होने के कारण सैनिक शासन विद्रोही गुटों पर भारी है। सामने यह आया कि विद्रोही गुट एक अलग तरह की रणनीति से लड़ रहे हैं। उन्होंने पिछले महीने खास कर पुलों को निशाना बनाया। उधर कुछ गुटों ने बहुसंख्यक आबादी के क्षेत्रों तक जाकर बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमले किए।
मिली सूचना के मुताबिक विद्रोही गुट अब आपसी तालमेल के साथ हमले कर रहे हैं। करेन नेशनल लिबरेशन आर्मी (केएनएलए) ने पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के साथ तालमेल बनाते हुए दोनथामी ब्रिज पर हमला किया। पीडीएफ का गठन कई छोटे-छोटे हथियारबंद गुटों ने मिल कर किया है।
एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दोनथामी नदी पर थाटोन के करीब बने पुल पर जब बागियों ने हमला किया, तो वहां म्यांमार की सेना के साथ उनकी लगभग 45 मिनट तक लड़ाई चली। विद्रोहियों ने दावा किया है कि इस लड़ाई में लगभग 45 सैनिक मारे गए। हालांकि विशेषज्ञों ने इसे बढ़ा-चढ़ा कर किया गया दावा माना है। बताया जाता है कि पिछले महीने विद्रोहियों ने सबसे घातक हमला 29 को किया। उस रोज उन्होंने मेन एशिया हाईवे पर स्थित एक 25 फीट के पुल को उड़ा दिया। पुल को विस्फोट से उड़ाया गया। उसके बाद विद्रोहियों ने सुरक्षा बलों पर सशस्त्र ड्रोंस के जरिए हमला किया। इस घटना में 27 लोगों के मारे जाने की खबर है, जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी या सैनिक थे। अनेक लोग यहां जख्मी भी हुए।
यह भी पढ़ें-Wagner group: बगावत के बाद वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोजिन से दो बार मिले पुतिन, जानें पूरा मामला
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.