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India News (इंडिया न्यूज), Nato Membership: अमेरिका ने अपना एक और दांव लड़ा चला है अमेरिका ने तुर्की को 23 अरब डॉलर के F-16 फाइट जेट बेचने और उसे अपग्रेड की मंजूरी दे दी है। लेकिन इसके साथ ही वह तुर्की के कट्टर दुश्मन ग्रीस को 8.6 अरब डॉलर के स्टील्थ एफ-35 लड़ाकू विमानों की बिक्री की मंजूरी भी दी है। एफ-35 अमेरिका का एख घातक लड़ाकू विमान है, जो कि एफ-16 से भी घातक कहा जाता है। विदेश विभाग ने इस बारे में अमेरिकी कांग्रेस को जानकारी दिया है। इस नई डील के तहत तुर्की को 40 नए एफ-16 भी मिलेंगे। बाकी उसके बेड़े में शामिल 79 फाइटर जेट को अपग्रेड किया जाएगा।
बता दें कि, ग्रीस को बिक्री में 40 एफ-35 लाइटनिंग II जॉइंट स्ट्राइक फाइटर्स के साथ ही इससे जुड़े उपकरण भी शामिल हैं। इससे पहले राष्ट्रपति बाइडेन ने तुर्की को एफ-16 की बिक्री के लिए अधिसूचना प्रक्रिया जारी करने के अपने फैसले के बारे में बताया था। जो कि पूरी तरह तुर्की की ओर से स्वीडन को नाटो में शामिल होने की मंजूरी पर निर्भर करता था। अमेरिका ने तुर्की को हथियारों की बिक्री तब दी है, जब उसने स्वीडन को नाटो में शामिल होने की मंजूरी दी है। वहीं, एक बयान के मुताबिक बाइडेन ने कांग्रेस को बिना किसी देरी के ही मंजूरी देने का आग्रह किया है।
वहीं, अमेरिकी कांग्रेस में प्रमुख हस्तियों ने पहले ही तुर्की को लड़ाकू विमान की बिक्री पर संदेह जताया था और ग्रीस के साथ इस समझौते को अपनी प्राथमिकता बताई थी। ग्रीस ने साल 2020 में अमेरिका से एफ-35 लड़ाकू विमान खरीदने में रुचि दिखाई थी। ग्रीस और तुर्की के बीच ऐतिहासिक और वर्तमान के तनाव की वजह से इस डील के होने में कठिनाई थी। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद ओटोमन साम्राज्य के पतन के बाद सीमा को लेकर इन दोनों देशों में युद्ध छिड़ गया। दोनों देश नाटो के सदस्य हैं। इसके बावजूद भी उनमें तनाव जारी है।
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