India News (इंडिया न्यूज), India-Pakistan Relations: पाक कमजोर अर्थव्यवस्था के बावजूद अपने सैन्य बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। क्षेत्रीय खतरों, खासकर भारत से निपटने के लिए नौसेना से लेकर वायुसेना और थल सेना तक हर शाखा को उन्नत किया जा रहा है। इसके लिए पाकिस्तान की नौसेना का उसके सैन्य आधुनिकीकरण में अहम योगदान है। पाकिस्तान की योजना अगले दशक तक अपनी नौसेना को 50 जहाजों के बेड़े में बदलने की है, जिसमें 20 बड़े युद्धपोत शामिल होंगे। इसकी योजना चीन, तुर्की और रोमानिया के साथ साझेदारी पर आधारित है। इस पहल में एक महत्वपूर्ण कदम रोमानिया के डेमन शिपयार्ड के साथ साझेदारी में पाकिस्तान द्वारा अपने गश्ती जहाजों को उन्नत करना है।
पाकिस्तान हैंगर-क्लास पनडुब्बियां, मिलगेम-क्लास कोरवेट और पहली बार स्वदेशी जिन्ना-क्लास फ्रिगेट हासिल करने जा रहा है। ये नई तकनीकें पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा और निगरानी क्षमताओं को बहुत बढ़ावा देंगी, खासकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) और ग्वादर बंदरगाह की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली तकनीकें। चीन के साथ सहयोग इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान अपनी नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो राजनीतिक और आर्थिक दोनों ही दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है।
India-Pakistan Relations
रक्षा बजट का सबसे बड़ा हिस्सा पाकिस्तानी सेना को मिलता है। वह इस क्षेत्र में अपने उपकरणों का तेजी से आधुनिकीकरण भी कर रही है। एसआईपी रिक्टर्स आर्म्स ट्रेड ट्रेडिंग की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के वर्षों में पाकिस्तान ने चीन से वीटी-4 टैंक खरीदे हैं। तुर्की से मिसाइल सिस्टम और निगरानी ड्रोन भी हासिल किए हैं। इसके अलावा, पाकिस्तानी सेना द्वारा चलाए जा रहे व्यवसायों से होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा भी इन आधुनिकीकरण परियोजनाओं पर खर्च किया जा रहा है। इस दौरान पाकिस्तान ने रूस के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूत किया है ताकि वह सैन्य तकनीक और विशेषज्ञता हासिल कर सके। पाकिस्तान ऐतिहासिक रूप से अमेरिका और चीन पर निर्भर रहा है, लेकिन रूस के साथ बढ़ते संबंध बताते हैं कि पाकिस्तान अपनी रक्षा आपूर्ति में विविधता लाने की कोशिश कर रहा है। sdf;skfs k;m
पाकिस्तानी वायुसेना भी खुद को अपग्रेड करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जिसमें चीन से 40 जे-35 स्टील्थ फाइटर जेट की संभावित खरीद भी शामिल है। हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, जे-35 फाइटर जेट पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ जेट हैं जो पाकिस्तान के पुराने अमेरिकी एफ-16 और फ्रेंच मिराज विमानों की जगह लेंगे।
हालांकि चीन की ओर से इस सौदे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इस सौदे को लेकर अटकलें पाकिस्तान वायुसेना की हवाई ताकत में सुधार की दिशा में एक बड़ी छलांग की ओर इशारा करती हैं। ये स्टील्थ विमान पाकिस्तान को एक अधिक आधुनिक और प्रभावी वायुसेना के रूप में स्थापित करेंगे। पाकिस्तान की हवाई रक्षा क्षमताओं में चीन से ड्रोन और एयर-डिफेंस सिस्टम भी शामिल हैं। वायुसेना में ये तकनीकी सुधार पाकिस्तान की सुरक्षा को बेहतर बनाएंगे।
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पाकिस्तान के सैन्य आधुनिकीकरण में चीन की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जाता है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से घनिष्ठ रणनीतिक साझेदारी है। यह साझेदारी मुख्य रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा और भारत की बढ़ती ताकत के बारे में चिंताओं के कारण विकसित हुई है। चीन ने पाकिस्तान की नौसेना और वायु सेना के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दोनों देशों के बीच कई संयुक्त रक्षा परियोजनाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चल रहे हैं। चीन के लिए, पाकिस्तान की सैन्य ताकत भारत के लिए एक संतुलन के रूप में काम करती है और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) और CPEC के संदर्भ में इसकी व्यापक महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करती है।
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