India News (इंडिया न्यूज), Nuclear Bomb Residue In USSR: इन दिनों कई देशों के बीच जंग चल रही है और कई मुल्क युद्ध की कगार पर हैं। ऐसे में चारों तरफ से तीसरे विश्व युद्ध का डर है और खौफ इस बात का भी है कि थर्ड वर्ल्ड वॉर के बीच कहीं परमाणु बम ना फट जाए। ये दुनिया का सबसे खतरनाक बम है और सदियों तक धरती को तबाह करने की ताकत रखता है। ऐसा ही एक परमाणु बम फटने के रेडियोएक्टिविटी अवशेष आज भी हवा में उड़ रहे हैं। दशकों बाद भी यहां वैज्ञानिकों को कुछ ऐसा दिखा है कि सभी के होश उड़ गए हैं।
दरअसल, दुनिया की एक ऐसी जगह है, जहां पर सैंकड़ों न्यूक्लियर बम फोड़े गए थे। इस जगह पर वैज्ञानिक आज पर रिसर्च के लिए जाते हैं और यहां पर उन्हें एक ऐसा चीज मिली है, जो वाकई डरा देने वाली है। ये जगह है सहारा रेगिस्तान, जहां 1950s और 1960s के दौरान अमेरिकी और सोवियत यूनियन (USSR) ने सैंकड़ों परमाणु बम फोड़कर परीक्षण किया था। धूल के गुबार से भरी ये जगह वैज्ञानिकों के लिए रिसर्च का केंद्र बन गई है। यहां की हवा में इतने सालों बाद भी रेडियोएक्टिव अवशेष मौजूद हैं। यहां पर फ्रांस की Paris-Saclay University की रिसर्च टीम आई थी और उन्होंने पाया कि सैंकड़ों सालों बाद भी परमाणु परीक्षणों का असर धरती के वातावरण में बना रहता है और हवा तक सेफ नहीं रहती।
Nuclear Bomb Residue In USSR: परमाणु बम के अवशेष
सहारा रेगिस्तान से उड़ने वाली हवा धूल के साथ यूरोप तक पहुंचती है और वहां की हवा भी प्रदूषित रहती है। इस हवा में रेडियोएक्टिव सिग्नेचर घुले थे। हालांकि, रिसर्च टीम के वैज्ञानिकों के मुताबिक हवा में मौजूद रेडियोएक्टिव तत्व खतरे के निशान से काफी नीचे थे, जिससे आम लोगों की सेहत को कोई बड़ा खतरा नहीं है। रेडियोएक्टिव तत्व के डेंजर लेवल की बात करें तो ये मानकों का 0.02 प्रतिशत ही था।