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India News(इंडिया न्यूज),Pakistan: पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव को लेकर पाकिस्तान की राजनीति में बवाल बचा हुआ है। जहां लगातार रूप से पक्ष और विपक्ष के नेता आपनी बातें सामने रख रहे है। वहीं योग्यता को लेकर लगातार सवाल के बीच पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के नामांकन पत्र को चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया है। जिसके बाद से अब पाकिस्तान ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है नवाज शरीफ एक बार फिर पाकिस्तान की राजनीति में वापिसी करने वाले है।
वहीं इस मामले में पूर्व पीएम शरीफ के वकील अमजद परवेज ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि, “एनए-130 (लाहौर से नेशनल असेंबली सीट) के लिए पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ का नामांकन पत्र चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया है।” शरीफ इस अक्टूबर में लंदन से देश लौटे, जहां उन्होंने चिकित्सा आधार पर आत्म-निर्वासन में चार साल बिताए, 73 वर्षीय शरीफ की उम्मीदवारी पर कोई आपत्ति नहीं उठाई गई है।” नवाज शरीफ अब लाहौर और दोनों जगह से चुनाव लड़ेंगे।
इसके साथ ही परवेज़ से चुनाव लड़ने के लिए शरीफ की आजीवन अयोग्यता के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “शरीफ की अयोग्यता उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी होने के बाद समाप्त हो गई है। बैरिस्टर जफरुल्लाह खान ने पिछली पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा चुनाव अधिनियम में संशोधन का हवाला देते हुए दावा किया कि शरीफ चुनाव में भाग ले सकते हैं। चुनाव अधिनियम की धारा 232 में यह संशोधन अयोग्यता को पांच साल तक सीमित करता है।
इसके साथ ही बता दें कि, वरिष्ठ वकील राजा इनाम अमीन मिन्हास ने तर्क दिया कि संशोधित कानून से शरीफ को कोई फायदा नहीं हो सकता है, क्योंकि विधायिका ने धारा 232 में पूर्वव्यापी संशोधन नहीं किया है। उन्होंने बताया कि चूंकि संशोधन में दंडात्मक परिणाम शामिल हैं, इसलिए यह पिछले मामलों को संबोधित नहीं कर सकता है। एक अन्य वरिष्ठ वकील, काशिफ अली मलिक ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव अधिनियम में आजीवन व्याख्या संवैधानिक प्रावधानों की व्याख्या, उल्लंघन या उन्हें पराजित नहीं कर सकती है।
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