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India News (इंडिया न्यूज), Pakistan On Kashmir: देश में बुर्जुर्गों की एक कहावत बहुत मशहूर है। वो है कि पड़ोसी अगर ठीक है तो सब चंगा सी, वरना दुश्मनों की कोई कमी नहीं है। ऐसे ही जब पड़ोसी पाकिस्तान जैसा हो तो हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि पाकिस्तान के दिल में भारत के लिए नफरत के अलावा कुछ भी नहीं है। पाक हर दिन कश्मीर के रास्ते भारत में आतंकी भेजता है और अशांति फैलाने की कोशिश करता है। लेकिन भारत उसकी हर साजिश को नाकाम कर देता है। एक बार फिर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। हमेशा की तरह उसने कश्मीर को लेकर यूएन का राग अलापा है।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने रविवार (1 सितंबर) को कहा कि कश्मीर विवाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मुद्दा है। इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के मुताबिक सुलझाया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलूच ने यह टिप्पणी विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा जम्मू-कश्मीर पर हाल ही में की गई टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर विवाद एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है। इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार हल किया जाना चाहिए। इस अनसुलझे संघर्ष का समाधान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि जम्मू-कश्मीर विवाद को एकतरफा हल किया जा सकता है।
बता दें कि, मुमताज जेहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान कूटनीति और बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन वह किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का दृढ़ संकल्प के साथ जवाब देगा। उन्होंने एक बयान में कहा कि दक्षिण एशिया में सच्ची शांति और स्थिरता केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों के अविभाज्य अधिकारों के अनुसार समझौते के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने शुक्रवार को कहा था कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध बातचीत का युग खत्म हो गया है। कार्रवाई के परिणाम होते हैं और जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, मुझे लगता है कि अनुच्छेद 370 खत्म हो चुका है। आज मुद्दा यह है कि हम पाकिस्तान के साथ किस तरह के रिश्ते पर विचार कर सकते हैं। मैं कहना चाहता हूं कि हम निष्क्रिय नहीं हैं और चाहे घटनाएं सकारात्मक या नकारात्मक दिशा में हों, हम किसी भी तरह से प्रतिक्रिया देंगे। गौरतलब है कि भारत ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश देश का अभिन्न अंग थे, हैं और हमेशा रहेंगे।
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