India News (इंडिया न्यूज),Pakistan:पाकिस्तान के लिए यह एक नई मुसीबत है। बलूच लिबरेशन आर्मी ने चीनी नागरिकों को पाकिस्तान छोड़ने का आदेश जारी किया है। बलूच लिबरेशन आर्मी ने धमकी दी है कि अगर कोई भी चीनी नागरिक उनके इलाके में पाया गया तो उसका कत्लेआम कर दिया जाएगा। बलूच लिबरेशन आर्मी ने चीनी नागरिकों को निशाना बनाने के लिए एक अलग से विशेष इकाई भी बनाई है।
एक दिन पहले ही बलूच लिबरेशन आर्मी के आत्मघाती दस्ते ने पाकिस्तान में भारी तबाही मचाई थी। 70 से ज़्यादा लोग मारे गए थे। इनमें पाकिस्तानी सेना और पुलिस के 14 जवान शामिल थे।
चीन पाकिस्तान से होकर सीपीईसी कॉरिडोर बना रहा है। यह चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस पर उसने करोड़ों डॉलर खर्च किए हैं। उसे उम्मीद है कि उसका प्रोजेक्ट जल्द ही पूरा हो जाएगा। लेकिन जिस तरह से बलूच विद्रोहियों ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोला है, उससे चीन की योजना पर पानी फिरना तय है।
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इस परियोजना पर बड़ी संख्या में चीनी इंजीनियर और अधिकारी काम कर रहे हैं। बलूच विद्रोहियों से निपटने के लिए पाकिस्तानी सेना ने 23 जून को ऑपरेशन ‘आजम ए इस्तेखाम’ लॉन्च किया था। लेकिन डरने की बजाय बलूच विद्रोही और भड़क गए। ऑपरेशन शुरू होने के बाद बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए), बलूच लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) और तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) ने पाकिस्तानी सेना पर हमले तेज कर दिए।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने दो दिन में जो उत्पात मचाया, उससे पाकिस्तानी सेना स्तब्ध है। बीएलए ने दावा किया कि उसने बलूचिस्तान के तुर्बत में पाकिस्तानी सेना के कैंप पर आत्मघाती हमला कर 130 सैनिकों को मार डाला। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन अब हमले के बाद बलूच लिबरेशन आर्मी ने जो बयान जारी किया है, वह पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए बुरी खबर है।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने चीन को धमकी दी है कि अगर वे ग्वादर और बलूचिस्तान नहीं छोड़ते हैं, तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। बलूच लिबरेशन आर्मी के कमांडर की ओर से जारी बयान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान को साफ तौर पर धमकी दी गई है। साथ ही बताया गया कि उसने चीनी नागरिकों पर हमला करने के लिए नई ब्रिगेड बनाई है। मजीद ब्रिगेड नाम की इस यूनिट के लड़ाके सीपीईसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी नागरिकों को निशाना बनाएंगे।
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खुफिया रिपोर्टों की मानें तो चीनी नागरिक पहले से ही बलूच लिबरेशन आर्मी और सिंध के उग्रवादी संगठनों के निशाने पर थे। लेकिन अब आईएसकेपी यानी इस्लामिक स्टेट्स खुरासान ग्रुप भी चीनी नागरिकों की जान के पीछे पड़ गया है। इसने एक चीन विरोधी मोर्चा भी बना लिया है, जो चीनी नागरिकों, इंजीनियरों और कर्मचारियों को निशाना बनाने की फिराक में है। यह भी कहा जा रहा है कि टीटीपी, बलूच लिबरेशन आर्मी और इस्लामिक स्टेट खुरासान ग्रुप ने हाथ मिला लिया है। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक कुछ समय पहले टीटीपी ने अफगानिस्तान के कुनार इलाके में एक बैठक की थी, जिसमें चीनी नागरिकों पर हमले की रणनीति बनाई गई थी।
चीनी इंजीनियरों और कर्मचारियों को बचाने के लिए खैबर पख्तूनख्वा पुलिस ने नई सीपीईसी पुलिस यूनिट बनाई, लेकिन वह बलूच आर्मी के उग्रवादियों से निपटने में असमर्थ है। कई संवेदनशील जगहों पर पाकिस्तानी सेना के कमांडो तैनात किए गए हैं। पाकिस्तानी सेना नई भर्तियां कर रही है। चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए बनाई गई इन टुकड़ियों में सिर्फ़ 18 से 25 साल की उम्र के लोगों को ही भर्ती किया गया है। पाकिस्तानी सेना ने ही उन्हें छह महीने की ट्रेनिंग दी। उन्हें हथियार चलाना सिखाया। उन्हें मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी। लेकिन यह कारगर नहीं हुआ।
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