India News (इंडिया न्यूज), Pakistan Maulana Fazlur Rehman Remark: मौलाना फजलुर रहमान ने पाकिस्तान की सीनेट में एक गंभीर बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के 6-7 जिले पूरी तरह से आतंकवादियों के कब्जे में हैं। पाकिस्तान सरकार और सेना का इन इलाकों पर कोई नियंत्रण नहीं है और यह स्थिति पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। उन्होंने कहा कि यह सब पाकिस्तान के लिए आश्चर्यजनक नहीं है और देश टूटने की कगार पर है। बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है और यहां लंबे समय से हिंसक विद्रोह चल रहा है।
मौलाना फजलुर रहमान ने इस विद्रोह की गहराई पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सिंध और बलूचिस्तान के सभी आतंकवादी संगठन एकजुट हो गए हैं। ये संगठन अब पाकिस्तान सरकार और सेना की संप्रभुता को चुनौती दे रहे हैं। मौलाना ने चेतावनी दी कि अगर यही स्थिति जारी रही तो पाकिस्तान चार टुकड़ों में बंट सकता है। ट्रेन पर हमला और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल ही में बलूचिस्तान के माच टाउन के पास जाफर एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन पर अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला किया, जिसमें कई यात्री घायल हो गए। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। यह संगठन पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका में प्रतिबंधित है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि बलूचिस्तान में आतंकवादी हमले बढ़ रहे हैं।
Pakistan Maulana Fazlur Rehman Remark (मौलाना फजलुर रहमान ने की बड़ी भविष्यवाणी)
बलूच विद्रोही समूह अक्सर पाकिस्तान में चल रही सरकारी परियोजनाओं और खासकर 60 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना को निशाना बनाते हैं। इन हमलों का उद्देश्य क्षेत्रीय संप्रभुता और सरकार की ताकत को कमजोर करना है। यह परियोजना चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन लगातार हो रहे विद्रोही हमलों से यह खतरे में पड़ रही है।
मौलाना फजलुर रहमान का बयान इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान आंतरिक रूप से टूटने की कगार पर है। बढ़ते आतंकवादी हमलों और उग्रवाद के कारण पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। खासकर बलूचिस्तान और सिंध में आतंकवाद की बढ़ती घटनाएं बताती हैं कि देश में बड़े पैमाने पर विभाजन का खतरा मंडरा रहा है।
मौलाना फजलुर रहमान जैसे प्रमुख नेता भी बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि और पाकिस्तान सरकार की कमजोर होती पकड़ से चिंतित हैं। मौजूदा हालात ने पाकिस्तान के लिए गंभीर आंतरिक चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। अगर इन चुनौतियों का सही समय पर समाधान नहीं किया गया तो पाकिस्तान के विभाजन की संभावना बढ़ सकती है।