India News (इंडिया न्यूज), IMEC Effect On India: सितंबर 2023 में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व नेताओं ने इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) की योजना का अनावरण किया। सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, भारत, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), फ्रांस, जर्मनी, इटली और अमेरिका ने इस परियोजना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सभी ने परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। आईएमईसी को चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का रणनीतिक जवाब माना जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान इस परियोजना का समर्थन किया था और इसे ‘इतिहास का सबसे बड़ा व्यापार मार्ग’ बताया था।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य भारत से यूएई, सऊदी अरब, जॉर्डन, इजरायल और यूरोप तक वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन को सुगम बनाना है। इससे व्यापार में तेजी आएगी, लागत कम होगी, आर्थिक एकीकरण मजबूत होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कॉरिडोर यात्रा और व्यापार के समय को लगभग 40% तक कम कर देगा, जिससे भारतीय कंपनियों को यूरोपीय बाजारों तक सस्ती और आसान पहुंच मिलेगी। G20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने IMEC को ‘सहयोग, नवाचार और साझा प्रगति का प्रतीक’ बताया, जबकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे ‘बहुत बड़ी बात’ कहा। यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इसे ‘केवल रेलवे या केबल से कहीं अधिक, बल्कि संस्कृतियों और महाद्वीपों को जोड़ने वाला एक हरित और डिजिटल पुल’ बताया।
IMEC Effect On India ( इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप आर्थिक गलियारे का भारत को मिलेगा ये लाभ)
IMEC केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके बड़े भू-राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। कई विशेषज्ञ इसे चीन के BRI का विकल्प मानते हैं, जिसे भारत और अमेरिका के नेतृत्व में बनाया जा रहा है। इस परियोजना के जरिए भारत ग्लोबल साउथ में चीन के प्रभाव का जवाब दे सकता है और यूरोप और अरब देशों के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत कर सकता है।
इन सभी चुनौतियों के बावजूद, भारत को IMEC से कई महत्वपूर्ण लाभ मिलने की उम्मीद है। इस परियोजना से भारत की वैश्विक कनेक्टिविटी, आर्थिक अवसर और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव बढ़ेगा। भारत को यूरोपीय बाजारों तक सस्ते और तेज व्यापार मार्ग मिलेंगे, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा। इसके अलावा, यह परियोजना भारत को पश्चिमी देशों, खासकर यूरोप के साथ मजबूत संबंध बनाने का अवसर देगी। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका की विदेश नीति लगातार बदल रही है, और यूरोप के साथ मजबूत संबंध बनाना भारत के लिए फायदेमंद होगा।
IMEC भारत को अरब की खाड़ी क्षेत्र में व्यापार और निवेश बढ़ाने का अवसर देगा। भारत पहले से ही इस क्षेत्र में सक्रिय है और IMEC के माध्यम से यहां बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश कर सकता है। यह परियोजना भारत को पूर्वी भूमध्य सागर के अपतटीय गैस भंडार तक पहुंच प्रदान करेगी, जो भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
IMEC के माध्यम से भारत वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख शक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है। यह पूर्वी और पश्चिमी देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करेगा और इसे एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक खिलाड़ी बनाएगा। इसके अलावा, यह परियोजना सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पर्यटन, शिक्षा और क्षेत्रीय सहयोग को भी बढ़ावा देगी, जिससे वैचारिक और धार्मिक विभाजन को कम करने और एकीकृत क्षेत्रीय पहचान बनाने में मदद मिलेगी।