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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : ब्रिटेन के नवनिर्वाचित पीएम ऋषि सुनक के लिए यह दौर सियासी तौर पर बेहद मुश्किल भरा है। उनके सामने भी वही चुनौतियां हैं जो लिज़ ट्रस के सामने थीं। ब्रिटेन के सांसद भी उनके समर्थन में नजर नहीं आ रहे हैं। जिसके कारण ऋषि सुनक को कई मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है। खबर ऐसी है कि कुछ सांसदों ने वेस्टमिंस्टर से निकलने की बात कही है,उन्होंने कहा है कि वे कुछ नीतियों को लेकर बेहद निराश हैं।
ज्ञात हो, जब ऋषि सुनक 10 डाउनिंग स्ट्रीट में दाखिल हुए थे, तब उन्होंने वादा किया था कि वह स्थिरता और एकता की दिशा में आगे बढ़ेंगे। उन्हें सत्ता संभाले 4 सप्ताह बीत चुके हैं। टोरी के नेता यूक्रेन की आर्थिक नीतियों पर चिंतित हैं और अब भी उनके लिए मंत्रियों के घोटाले परेशानी का सबब बने हुए हैं।
जानकारी हो, इनदिनों ऋषि सुनक जनमत के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वह अगले सप्ताह होने वाली प्रमुख हाउसबिल्डिंग योजनाओं पर सांसदों का समर्थन हासिल करने के लिए जोर आजमाइश करते दिखे। 47 टोरी सांसदों ने एक संशोधन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें सरकार को हराने की धमकी दी गई है। कई प्लानिंग और हाउसबिल्डिंग को लेकर एक लंबे समय से पार्टी के भीतर टकराव हो रहा है। विद्रोही सांसदों का कहना है कि इन नई योजनाओं की वजह से ग्रामीण समुदायों पर भार पड़ेगा और उनके हित प्रभावित होगे।
आपको बता दें , जिन मुद्दों पर इंग्लैंड में राजनितिक अस्थिरता बरकरार है। ऋषि सुनक उन प्रस्तावों पर वोटिंग से बच रहे हैं। हाउसबिल्डिंग उनके मेनिफेस्टो का हिस्सा भी रहा है लेकिन उन पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। उनके पास 67 सदस्यों की वर्किंग मेजॉरिटी भी है लेकिन उन्हें काम करने में दिक्कत आ रही है।अगर ऐसे ही उनकी योजनाओं को लागू करने को लेकर संसद में टकराव होता रहा तो वे भी लिज ट्रस की तरह सरकार से बाहर जाने का रास्ता चुन सकते हैं। ऐसा लग रहा है कि यह ब्रिटेन में अस्थिरता का दौर है, जिससे कोई भी नेतृत्व बाहर नहीं निकल पा रहा है।
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